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    Muzaffarpur Govt School: भवन में दिखती सरिया, बच्चों के घर लौटने तक माता-पिता रहते चिंतित

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 08:21 PM (IST)

    Kitne Surakshit Hain School शहर के एसडी केडी आर्य कन्या मध्य विद्यालय की स्थिति अच्छी नहीं है। अब भी यह संकीर्ण तीन कमरों में संचालित हो रहा है। इससे बच्चों को परेशानी होती है। विद्यालय का अपना भवन नहीं होने से बच्चों की सुरक्षा दाव पर है। अभिभावकों को विद्यार्थियों की पढ़ाई से अधिक उनके सुरक्षित घर लौटने की चिंता सताती रहती है।

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    अपेक्षाकृत कम जगह होने की वजह से बच्चों को होती परेशानी। जागरण

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur Govt School infrastructure / Muzaffarpurschool building condition: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के गांगाड़तलई ब्लाक की मोना डूंगर गांव पंचायत के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भवन के बरामदे की छत गिर गई। इस हादसे के बाद देशभर के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा को लेकर नई बहस शुरू हो चुकी है।

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    इसके बाद भी जिले में स्कूलों के जर्जर भवन को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है। यही कारण है कि कहीं जर्जर भवन में विद्यालय का संचालन हो रहा है तो कहीं बरामदे पर पढ़ाई हो रही है।

    शहर का एसडी केडी आर्य कन्या मध्य विद्यालय बीते 50 वर्षों से संकीर्ण तीन कमरों में संचालित हो रहा है। विद्यालय का अब तक भवन नहीं बन सका है। स्कूल में बच्चों की सुरक्षा दाव पर है। विद्यार्थियों को पढ़ाई से अधिक सुरक्षित घर लौटने की चिंता सताती रहती है।

    बरसात होते ही छत से पानी टपकने लगता है। किताब-कापी भीगने से बचाना बच्चों के लिए चुनौती बन जाता है। जर्जर छत की सरिया भी दिखाई दे रहा है। दूसरी ओर स्कूल जाने वाले बच्चों के माता-पिता भी उनके घर लौटने तक चिंतित रहते हैं।

    तीन कमरों में आठ कक्षाएं

    स्कूल के तीन कमरों में आठ कक्षाओं का संचालन हो रहा है। कंबाइड कक्षा का संचालन होता है। 127 नामांकित विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए आठ शिक्षक हैं। तीन कमरों में आफिस, स्टोर, वर्ग कक्ष, कामन रूम व शौचालय भी है। वर्ग कक्ष से सटा शौचालय बनाया गया है। दूसरी ओर मध्याह्न भोजन वर्ग कक्ष में ही बच्चे करते हैं। विद्यालय परिसर में कहीं भी अग्निशमन यंत्र नहीं दिखा। हालांकि एक कमरे में स्मार्ट क्लास रूम है।

    पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं

    गर्मी के दिनों में बच्चे को किसी तरह की परेशानियां नहीं होती है। क्योंकि बिजली के साथ-साथ इन्वर्टर की भी सुविधा है। वहीं, पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। आसपास के लोगों ने सबमर्सिबल से पानी लेने का विरोध कर दिया है। इससे पीने के पानी के लिए बच्चों को इधर-उधर भटकना पड़ता है।

    स्कूल में वर्ग कक्ष का अभाव है। इससे परेशानियां होती हैं। भवन निर्माण के बाद ही समस्या का समाधान हो सकेगा। जिलाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी को कई बार स्थिति से अवगत कराया गया है।

    रमन कुमार, प्रधानाध्यापक