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    Muzaffarpur Crime: साइबर ठगी के मामले में MIT के दो छात्र समेत तीन गिरफ्तार, गिरोह के सरगना की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी तेज

    साइबर फ्रॉड कर तीस लाख से अधिक की ठगी में शामिल एमआईटी के दो छात्र समेत तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से मोबाइल समेत अन्य सामान जब्त किए गए हैं। पूछताछ में पता चला कि गिरोह के सरगना नालंदा व पटना में बैठे हैं। इसमें नालंदा के नीरज व पटना के अन्य आरोपित के बारे में जानकारी मिली है।

    By Sanjiv Kumar Edited By: Prateek Jain Updated: Sun, 24 Dec 2023 11:46 PM (IST)
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    Muzaffarpur Crime: साइबर ठगी के मामले में MIT के दो छात्र समेत तीन गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। साइबर फ्रॉड कर तीस लाख से अधिक की ठगी में शामिल एमआईटी के दो छात्र समेत तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से मोबाइल समेत अन्य सामान जब्त किए गए हैं। पूछताछ में पता चला कि गिरोह के सरगना नालंदा व पटना में बैठे हैं।

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    इसमें नालंदा के नीरज व पटना के अन्य आरोपित के बारे में जानकारी मिली है। इन सभी की गिरफ्तारी को लेकर साइबर थाने की पुलिस छापेमारी कर रही है।

    साइबर थाने के अपर थानाध्यक्ष शमीम अख्तर हवाड़ी ने बताया कि पिछले दिनों लक्ष्मी चौक, सरैयागंज टावर समेत अन्य इलाके के आधे दर्जन सीएसपी संचालकों के द्वारा ठगी की शिकायत की गई थी।

    सीएसपी संचालक को ठगने पहुंचे थे तीनों आरोपी

    इसके बाद इसकी जांच शुरू की गई। इसके तहत वैज्ञानिक जांच के आधार पर साक्ष्य संकलन करने के बाद तीनों को चतुर्भुज स्थान इलाके से पकड़ा गया। ये तीनों चतुर्भुज स्थान इलाके में एक सीएसपी संचालक के पास इसी तरह से ठगी करने को पहुंचे थे। इसी बीच तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

    अपर थानाध्यक्ष ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में अरवल जिले के मेहदईया के आकाश कुमार व राज कुमार तथा गया जिले के खिजरसराय के फैजान अली शामिल है। इसमें आकाश व फैजान एमआईटी में इलेक्ट्रॉनिक्स फोर्थ सेमेस्टर का छात्र बताया गया है।

    मामला सामने आने के बाद एमआईटी प्रबंधन को पत्राचार कर आरोपित छात्रों पर कार्रवाई के लिए पुलिस पत्राचार करेगी। वहीं राजकुमार इन दोनों का दोस्त है। पुलिस का कहना है कि नालंदा व पटना वाले सरगना के द्वारा इन सभी को नया सिम व डेबिट कार्ड दिया जाता था।

    पांच प्रत‍िशत हिस्‍सा लेते थे तीनों

    इसके बाद उसके जरिए यूपीआई एकाउंट बनाकर फ्रॉड की राशि सरगना द्वारा इनके इस खाते में भेजी जाती थी। इसके बाद ये लोग किसी-किसी तरह का बहाना बताकर सीएसपी संचालकों के खाते में उसी यूपीआई से राशि ट्रांसफर कर कैश लेता था। इसके बदले इन सभी को पांच प्रतिशत मिलता था।

    इस तरह से कई सीएसपी का जब खाता फ्रीज होने लगा तो ये लोग परेशान हो गए। फिर मामला साइबर थाने में पहुंचा। पूछताछ में आरोपितों ने स्वीकार किया कि तीस लाख से अधिक की ठगी कर चुके हैं।

    इसके बदले उन्हें करीब डेढ़ लाख रुपये की कमाई हुई है। इन लोगों के द्वारा फर्जी ढंग से मुजफ्फरपुर का आधार कार्ड भी बनवा लिया गया है। पुलिस इसकी जांच कर आगे की कार्रवाई में जुटी है।

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