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    Muzaffarpur Crime: कौन चलाता था ठगी का ये जाल? चिट फंड आफिस होगा सील, 500 लोग हुए शिकार

    By Keshav Kumar Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Mon, 24 Nov 2025 09:00 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में एक चिट फंड कंपनी ने लगभग 500 लोगों को ठगा। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और चिट फंड ऑफिस को सील करने की तैयारी है। पीड़ितों में निराशा है और वे न्याय की मांग कर रहे हैं। पुलिस कंपनी के मालिकों और कर्मचारियों की तलाश कर रही है।

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    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है। 

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर ।  अहियापुर के कोल्हुआ पैगंबरपुर इलाके में चल रहा चिट फंड कंपनी का दफ्तर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सील होगा। इसके लिए मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। ये जानकारी एसडीपीओ टू विनीता सिन्हा ने दी है। बताया कि मजिस्ट्रेट का गठन हो गया है। शहर से बाहर रहने से सोमवार को कार्यालय सील नहीं किया जा सका है। मंगलवार को इसे सील किया जाएगा।

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    मकान मालिक की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करने का आदेश दिया गया है। वह फरार बताए गए है। एसडीपीओ टू के आदेश पर केस के जांच अधिकारी ने पीड़ितों से पूछताछ कर बयान रिकार्ड किया है। पीड़ितों में नेपाल के अलावा दार्जिलिंग व सिलीगुड़ी के भी युवक हैं।

    एसडीपीओ को पीड़ितों ने बताया कि उन्हें सोशल साइट्स के जरिए नौकरी का विज्ञापन मिला था। इस पर दिए गए मोबाइल नंबर संपर्क किया तो कार्यालय आने के लिए कहा गया। कुछ लोगों को मोबाइल पर काल भी आई थी। अधिक वेतन पर नौकरी के लिए संबंधित कंपनी के कार्यालय पहुंचे। यहां रजिस्ट्रेशन के नाम पर 12 हजार रुपये लिए गए। इसके बाद जिसे जिस कार्य में रुचि थी, उसके मुताबिक ट्रेनिंग दी गई।

    इस दौरान नौकरी देने का वादा किया गया। यहां कागजात बनाने के लिए 25-25 हजार रुपये लिए गए। इसके बाद उन्हें ज्वाइनिंग के पूर्व दो-दो लाख रुपये जमा कराए गए। ट्रेनिंग पूरी होने पर नौकरी की जानकारी मांगी। इसी पर कंपनी के लोग सभी पर भड़क गए और उन लोगों को भगाना शुरू कर दिया। इसपर पुलिस से शिकायत की। पुलिस को पीड़ितों ने बताया कि ड्राइवर, गार्ड, पैकिंग ब्याय समेत अन्य कार्यों के लिए नौकरी दिलाने को लेकर ट्रेनिंग दी जा रही थी।

    ट्रेनिंग व हास्टल के मकान मालिक भी पूरे मामले में संलिप्त थे। कभी-कभी वही पूरे मामले की डीलिंग करते थे। थानाध्यक्ष रोहन कुमार ने बताया कि फर्जी कार्यालय खोलकर युवकों से नौकरी के नाम पर ठगी करने को लेकर नेपाल के रंजीत कापड़ की शिकायत पर प्राथमिकी कर कार्रवाई की गई थी।

    आरोपित नेपाल के काबे जिले के दहन बहादुर मल्ला गांव का सुजन दुनगाना, दैलेख जिले के नारायण नगर पालिका टू का हेमराज मल्ला, तल्हू जिला के रामपुर गांव के यशराम तमांड व चंद्रवती पोखरी थाने के भानुनगर गांव का भरत अधिकारी को गिरफ्तार कर पूछताछ के बाद जेल भेजा गया है। मकान मालिक की तलाश में छापेमारी की जा रही है। मकान मालिक के भी इस गिरोह में शामिल होने का दावा पीड़ितों ने किया है।

    ट्रेनिंग के दौरान चार लोगों को जोड़ने का था गेम प्लान

    मुजफ्फरपुर : चिट-फंड कंपनी के शिकार बने नेपाल के मोहतरी जिले के गोसल्ला थाने के रंजीत कापड़ ने पुलिस को बताया कि अधिक रुपये के लालच में वह यहां नौकरी के लिए आए थे। उन्हें गार्ड की नौकरी के लिए 25 से 30 हजार रुपये महीने देने के बारे में बताया गया था। पुलिस को बताया कि जब कंपनी में रजिस्ट्रेशन कराया तो ट्रेनिंग के बाद उन्हें अपने साथ इस कंपनी में जोड़ने के लिए चार लोगों को इलाके से लाने को कहा गया।

    चार लोग जब उस कंपनी में रजिस्ट्रेशन करा लेंगे तब उन्हें उनकी क्षमता के अनुसार नौकरी मिलेगी। इसके तहत कुछ बेरोजगार युवकों को जोड़कर यहां ले आए। उनका कंपनी में रजिस्ट्रेशन भी करा दिया, लेकिन नौकरी नहीं मिली। जमा किए रुपये भी वापस नहीं हो सके। पुलिस कार्रवाई को लेकर नेपाल, दार्जिलिंग व सिलीगुड़ी समेत अन्य राज्यों के आधा दर्जन युवक तीन दिनों से थाने के आसपास रुके हैं। उनके सारे रुपये कंपनी के लोगों ने ठगी कर लिए हैं।

    नौबत यह है कि घर तक पहुंचने के लिए रुपये नहीं हैं। नेपाल के निल बहादुर थापा, वेदकर्न, धनश्याम भुजैल, अर्जुन भुजैल, सुरेश लामा, सुशील लामा ने बताया वह दो दिनों से भूखे हैं। भूख से पैदल चलना मुश्किल हो गया। घर के लोगों का फोन आ रहा है। शर्म से मोबाइल बंद कर दिया है। वहां 15 हजार की नौकरी छोड़ यहां 25 हजार की नौकरी के लालच में कर्ज पर रुपये लेकर आए थे।