मुजफ्फरपुर : तुर्की कबीर मठ की करोड़ों की जमीन चकबंदी से कर दी निजी लोगों के नाम
कहा गया है कि महंत को मठ की जमीन की देखभाल व रक्षा करना पूजा-पाठ करना आदि की जिम्मेदारी दी जाती है। पूर्व महंत को जमीन बेचने या बंधक रखने आदि का अधिका ...और पढ़ें

मुजफ्फरपुर, जासं। जिले में मठ और मंदिर की करोड़ों की जमीन अवैध रूप से निजी लोगों के नाम की जा रही है। कुढऩी अंचल के तुर्की कबीर मठ की करीब डेढ़ सौ एकड़ जमीन दूसरे के नाम कर दी गई। अब बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद की ओर से समाहर्ता को पत्र लिखा गया है। इसमें करोड़ों की जमीन की जमाबंदी फिर से कबीर मठ के नाम से करने का आग्रह किया है। पर्षद ने पूर्व महंत श्यामनंदन भगत पर जमीन की हेराफेरी करने की बात कही है। कहा गया है कि महंत को मठ की जमीन की देखभाल व रक्षा करना, पूजा-पाठ करना आदि की जिम्मेदारी दी जाती है। पूर्व महंत को जमीन बेचने या बंधक रखने आदि का अधिकार नहीं था।क्योंकि भूमि के विक्रय के लिए पर्षद की अनुमति आवश्यक होती है। अगर पूर्व महंत ने इसकी बिक्री की है तो वह अमान्य है।इसके अलावा चकबंदी की प्रक्रिया पूरी भी नहीं हुई थी।
मठ के वर्तमान महंत डॉ. सुंदर दास शास्त्री ने न्यास पर्षद के पत्र के साथ डीएम को पूरा विवरण सौंपा है। इसमें कहा गया है कि पूर्व महंत ने नाम बदल-बदलकर अपने, सगे संबंधियों एवं अन्य लोगों के नाम से मठ की जमीन करा दी। खाता सुधार, नाम सुधार, केवाल सुधार, आपसी सहमति आदि के आधार पर गड़बड़ी की गई। डॉ. शास्त्री ने 21 मामलों का विवरण भी समाहर्ता को सौंपा है। महंत ने बताया कि गड़बड़ी के कारण पूर्व महंत श्यामनंदन भगत को वर्ष 2011 में न्यास ने हटा दिया था। उन्होंने कई नाम बदले।इस आधार पर करीब 70-75 एकड़ जमीन चकबंदी से अपने नाम करा ली। इसमें एक ही जमाबंदी करीब 44 एकड़ की है। इसमें गड़बड़ी पाते हुए हाईकोर्ट ने भी इसे रद करने का आदेश दिया है। साथ ही राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के चकबंदी निदेशालय ने भी अधिसूचना जारी की है। इसके आलोक में मठ की जमीन बचाने को लेकर कार्रवाई की जाए।

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