पुलिस अंकल, पापा और दादी ने मिलकर मेरी मम्मी-भाई को जिंदा जला दिया; भाई बोला- तीन दिन पहले कर ली थी सगाई
बेटी और नाती की मौत से आहत रामदयाल ओझा ने बताया कि चीख-पुकार सुनने के बाद वह बेटी सोनम के कमरे के पास पहुंचे। बेटी और नाती को आग की लपटों में घिरा देख हाथ-पैर फूल गए। दौड़ के 200 मीटर दूर किराये के मकान में रहने वाले बेटे प्रकाश पुंज के पास पहुंचे और उसे साथ लेकर बचाने के लिए उल्टे पांव लौटे।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर : अहियापुर थाना क्षेत्र के बड़ा जगन्नाथ में फौजी ने पत्नी, बेटा और बेटी को जिंदा जला दिया, जिसमें बेटे और पत्नी की मौत हो गई। मृतक महिला के पिता रामदयाल ओझा ने पूरी घटना का आंखों देखा हाल सुनाया।
बेटी और नाती की मौत से आहत रामदयाल ओझा ने बताया कि चीख-पुकार सुनने के बाद वह बेटी सोनम के कमरे के पास पहुंचे। बेटी और नाती को आग की लपटों में घिरा देख हाथ-पैर फूल गए। दौड़ के 200 मीटर दूर किराये के मकान में रहने वाले बेटे प्रकाश पुंज के पास पहुंचे और उसे साथ लेकर उल्टे पांव लौटे। बाप-बेटे को आता देखकर दामाद हिमांशु, उसकी मां और प्रेमिका मौके से भाग गए।
रामदयाल के मुताबिक, पड़ोसियों की मदद से आग बुझाई, तब बेटी और नाती बुरी तरह झुलस चुके थे। उनको आनन-फानन एसकेएमसीएच में भर्ती कराया, जहां बेटी सोनम और नाती शुभ को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
रामदयाल ने आरोप लगाया कि सेना में जवान दामाद हिमांशु के सरकारी बैंक में काम करने वाली युवती शिवानी कुमारी के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था।
तीन दिन पहले ही प्रेमिका से सगाई का आरोप
सोनम के भाई प्रकाश पुंज ने बताया कि जब सोनम और शुभ को आग लगा दी। तब पिता रामदयाल और भांजी स्नवी भागते हुए मेरे पास पहुंचे। बहन को पहले भी दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता रहा था। सामाजिक स्तर पर मामला सुलझाने का प्रयास किया गया, लेकिन नहीं सुलझा। इस बीच, बैंक में काम करने वाली शिवानी से हिमांशु की नजदीकियां बढ़ गई।
भाई प्रकाश ने आरोप लगाते हुए बताया कि हिमांशु ने तीन दिन पहले ही देवरिया की रहने वाली शिवानी से सगाई की थी। इसे लेकर पति-पत्नी में विवाद हुआ था। सगाई के बाद शादी में बाधा न आए, इसलिए उसने पत्नी और दोनों बच्चों के शरीर में आग लगा दी।
नगर डीएसपी राघव दयाल ने बताया, ''पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि फौजी दूसरी युवती से शादी की तैयारी में था। युवती से सगाई की जानकारी मिलने के बाद पति-पत्नी के बीच विवाद चल रहा था। घटना के पीछे भी यही कारण सामने आया है।''
एफएसएल से नहीं कराई गई जांच
जलाकर मारने जैसी बड़ी घटना के बाद भी पुलिस ने एफएसएल से जांच कराना उचित नहीं समझा, जबकि स्थानीय लोगों ने एफएसएल की टीम को बुलाने की मांग की थी। एफएसएल से जांच के बाद कई बिंदुओं पर बात सामने आती।
ससुराल में ही रखा शव
पोस्टमार्टम के बाद सोनम के मायके वालों ने पति के घर पर ही शव रख दिया। उनका कहना था कि बेटी को जीवित विदा किया था। मायके में उसका शव लेकर कैसे जाएं। दो माह पहले मायके आई थी, लेकिन क्या पता था कि ऐसा कुछ हो जाएगा। मायके वालों के जाने के बाद उसके दाह-संस्कार के लिए मोहल्ले के लोग भी नहीं आए। इसके बाद ससुर शव को एंबुलेंस में रख कर दाह संस्कार करने के लिए लेकर चले गए।
पापा और दादी ने मिलकर जला दिया
आग से झुलसी एसकेएमसीएच में भर्ती फौजी की बेटी स्नवी ने पुलिस को बताया कि पापा और दादी ने मिलकर आग लगा दी। बेटी बोली- ''पुलिस अंकल, पापा किसी और से शादी करना चाहते थे। इसलिए पापा-मम्मी के बीच झगड़ा भी होता था। पापा, मम्मी को पीटते थे। बुधवार की रात पापा ने मुझे, मेरी मम्मी और मेरे पाई को जलाने के लिए आग लगा दी। मैं निकलकर भाग गई, इसलिए मैं बच गई।''
अहियापुर थानाध्यक्ष अरुण कुमार ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। महिला के पिता के अलावा एसकेएमसीएच में भर्ती बच्ची का बयान दर्ज किया गया है। अब तक की जांच में जो बातें सामने आई हैं, उन सभी बिंदुओं पर तफ्तीश की जा रही हैं। जांच के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट हो पाएगा।

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