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    मुजफ्फरपुर शहर का प्रमुख बाजार मोतीझील झेल रहा नारकीय हालात

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 05 Jul 2022 01:44 AM (IST)

    शहर का प्रमुख बाजार मोतीझील अब न मोती-सा चमकता है और न ही यहां झील-सा सुंदर परिदृश्य है। बेपरवाह सिस्टम सब कुछ लील गया। गंदगी जर्जर सड़क खुदे हुए नाले ...और पढ़ें

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    मुजफ्फरपुर शहर का प्रमुख बाजार मोतीझील झेल रहा नारकीय हालात

    मुजफ्फरपुर । शहर का प्रमुख बाजार मोतीझील अब न मोती-सा चमकता है और न ही यहां झील-सा सुंदर परिदृश्य है। बेपरवाह सिस्टम सब कुछ लील गया। गंदगी, जर्जर सड़क, खुदे हुए नाले और जमा नाले का पानी यहां की पहचान बन कर रह गई। पहले जो बाजार देर रात्रि तक गुलजार रहता था वहां अब दिन में भी सन्नाटा रहता था। जिन दुकानों में ग्राहकों की भीड़ लगी रहती वहां अब ग्राहकों के दर्शन नहीं हो रहे हैं। पहले यहां के व्यवसायी सरकार का खजाना भरते थे आज उनका ही खजाना खाली है। सब कुछ बर्बाद हो चुका है। बाजार की हालत यह है कि अब ग्राहक मोतीझील जाकर नारकीय हालात झेलना नहीं चाहते जिसका खामियाजा स्थानीय दुकानदारों को भुगतना पड़ रहा है।

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    मोतीझील शहर का प्रमुख बाजार है। कल्याणी चौक से नगर थाना होते हुए धर्मशाला चौक तक इसका विस्तार है। यहां एक हजार से अधिक कपड़े, मोबाइल, जूता-चप्पल, बैग एवं किताब की छोटी-बड़ी दुकानें हैं। यहां खरीदारी करने न सिर्फ शहर बल्कि शहर से बाहर के दूर-दाराज से लोग भी आते हैं। यहां का बाजार सूबह से लेकर देर रात्रि तक गुलजार रहता था, लेकिन पहले कोरोना और अब सिस्टम की मार से बाजार बर्बाद हो गया है। मोतीझील व्यवसायी संघ के अध्यक्ष एवं पूर्व वार्ड पार्षद त्रिभुवन राय का कहना है कि बीते दो वर्ष से बाजार की हालत बहुत खराब है। बीते वर्ष चार माह तक बाजार वर्षा के पानी में डूबा रहा तो इस साल विकास के नाम पर बाजार को खोद कर छोड़ दिया गया है। फरदो नाला की सफाई एवं स्मार्ट सिटी के नाला निर्माण नाम पर चार-पांच माह से मोतीझील को खोदकर छोड़ा दिया गया है। जिस नाला का निर्माण एक माह में पूरा करना था वह वह 50 मीटर भी बनकर तैयार नहीं हुआ। सालों पूर्व बनी सड़क भी पूरी तरह से टूट चुकी है। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे देखे जा सकते हैं।

    व्यवसायी संघ के सचिव राजीव कुमार राजा का कहना है कि मोतीझील को स्मार्ट बनाने की जगह बर्बाद कर दिया गया है। फरदो नाला की सफाई के कारण भले ही मोतीझील में वर्षा होने पर जलजमाव अधिक दिनों तक नहीं रहे लेकिन नाले का पानी हमेशा सड़क पर बहता रहता है। बाजार की नियमित साफ-सफाई भी नहीं होती है।