मुजफ्फरपुर नगर निगम में नल-जल योजना के नाम पर 42 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मेयर निर्मला देवी ने इस मामले में सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखा है जिसके बाद निगम में खलबली मच गई है।
By Pramod kumarEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Wed, 21 Jun 2023 12:17 PM (IST)
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। शहरवासियों की प्यास बुझाने के लिए नल-जल योजना मद में नगर निगम को मिले 42 करोड़ रुपये की लूट हुई है। योजना के कार्यान्वयन में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। जनता को योजना का लाभ नहीं मिला, लेकिन निजी लाभ लेकर संवेदकों को भुगतान कर दिया गया।
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नगर आयुक्त को कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत की गई, लेकिन उनके द्वारा किसी प्रकार का संज्ञान नहीं लिया गया। जमकर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया। मेयर निर्मला देवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
महापौर ने मुख्यमंत्री को भेजे गए अपने पत्र में लिखा है कि सरकार द्वारा नल-जल योजना मद में लोगों की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए 42 करोड़ रुपये का आवंटन निगम को किया था। निविदा निकालकर योजना का कार्यान्वयन किया गया, लेकिन शहर के 50 प्रतिशत वार्डों में नल-जल योजना का लाभ आम लोगों तक नहीं पहुंच पाया।
निगम में सरकारी राशि का हो रहा दुरुपयोग
योजना के नाम पर योजना मद की राशि की लूट-खसोट और बंदर बांट हुई। वार्ड 47, 48, 49, 02, 07, 31, 32, 11, 12, 13, 15 और 16 में योजना के कार्यान्वयन की जांच होने पर हकीकत सामने आ जाएगी। महापौर ने कहा कि संवेदक का भुगतान निजी लाभ लेकर कर दिया गया।
मेयर ने कहा कि सशक्त स्थायी समिति एवं उनके द्वारा बार-बार मौखिक एवं लिखित रूप से नगर आयुक्त को बताया गया कि निगम कार्यालय में भ्रष्टाचार व्याप्त है। सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। इसपर संज्ञान नहीं लिया गया।
मेयर ने सरकार से की उच्चस्तरीय जांच की मांग
महापौर ने कहा कि उन्होंने समीक्षा के दौरान इसकी शिकायत नगर विकास एवं आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुणेश चावला से भी की थी, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं की गई। नगर निगम सशक्त स्थायी समिति ने भी मेयर के आरोप का समर्थन किया है और सरकार से नल-जल योजना मद की राशि के लूट की उच्च स्तरीय जांच का अनुरोध सरकार से की है।
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