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मधुबनी के मनीष ने केदारकांठा की चोटी फतह कर बनाया ट्रैकिंग का विश्व कीर्तिमान

आठ घंटा 27 मिनट में 12 हजार 500 फीट ऊंची चोटी पर पहुंच बनाया नया वर्ल्ड रिकार्ड। इससे पहले सितंबर 2014 में ऑकलैंड (न्यूजीलैंड) के स्टीव हार्पोसिस के नाम था 13 घंटा 32 मिनट का वर्ल्ड रिकार्ड ।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 04 Feb 2022 11:44 AM (IST)Updated: Fri, 04 Feb 2022 11:44 AM (IST)
मधुबनी जिले के राजनगर प्रखंड स्थित परिहारपुर गांव के रहने वाले हैं मनीष। फाइल फोटो

राजनगर (मधुबनी), संस। राजनगर प्रखंड के परिहारपुर गांव के मनीष झा ने ट्रैकिंग का नया विश्व कीर्तिमान बनाया है। मनीष झा उत्तराखंड प्रदेश के उत्तरकाशी जिले में समुद्रतल से 12 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारकांठा पहाड़ी को न्यूनतम अवधि में ट्रैकिंग के माध्यम से फतह किया है। आर्मड फ़ोर्स में ट्रेनर (फॉरेस्ट सर्वाइवल) के पद पर कार्यरत मनीष झा ने ट्रैकिंग का यह विश्व कीर्तिमान सांकरी बेस कैंप से केदारकांठा समिट (चोटी) तक की ऊंचाई पर महज आठ घंटा 27 मिनट की अवधि में पहुंच कर बनाया है। भारी हिमपात तथा हाड़ कंपा देने वाली माइनस 20 डिग्री तापमान के बीच मनीष ने यह कारनामा कर दिखाया। बता दें कि केदारकांठा ट्रैकिंग का आयोजन चार जनवरी को इकॉन एम्बेसेडर बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड (यूरोपियन यूनियन), लंदन की ओर से किया गया था। 

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दूसरे प्रयास में मिली सफलता

मनीष ने दिसंबर 2021 में भी केदारकांठा पहाड़ी को फतह करने की कोशिश की थी, लेकिन असफल रहे थे। मनीष ने हिम्मत नहीं हारी और चार जनवरी को इस पहाड़ी की ट्रैकिंग कर नया इतिहास रच दिया। इससे पूर्व केदारकांठा पहाड़ी की ट्रैकिंग का विश्व कीर्तिमान ऑकलैंड (न्यूजीलैंड) के स्टीव हार्पोसिस के नाम था। उन्होनें सितम्बर 2014 में इस पहाड़ी की चोटी को 13 घंटा 32 मिनट में फतह कया था। ट्रैकिंग के दौरान शेरपा डिस्कवरी हाईक के दुर्गा राणा मनीष के साथ थे। उन्होंने मनीष के पथ प्रदर्शक की भूमिका निभाई। मनीष ने बताया कि आयोजक मंडल द्वारा ट्रैकर की कलाई पर गार्मिंग वाच लगा दी जाती है। जिसके माध्यम से ट्रैकिंग में लगने वाले समय की गणना की जाती है। बता दें कि मनीष को 2018 में कर्नाटक के मन्नाड में अल्ट्रा ट्रेल मैराथन में आयोजित 110 किमी दौड़ में भारत का प्रतिनिधित्व करने का गौरव हासिल है।

मुंबई में बीता बचपन

मनीष का बचपन मुंबई में बीता है। वहीं से उन्होंने दसवीं तथा इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की| उन्होंने चेतना कॉलेज, बांद्रा से बीकॉम एवं मुंबई यूनिवर्सिटी से बीपीटी (बैचलर ऑफ़ फिजियोथेरापी) की है। परिहारपुर गांव निवासी मनीष झा के पिता गणपत झा निजी कंपनी में वाहन चालक हैं। मनीष का परिवार मुंबई के वसई में रहता है। जहां पास में ही सह्याद्री माउंटेन फारेस्ट रेंज स्थित है। वहां सालों भर पर्यटक ट्रैकिंग के लिए आते हैं। उन्हें देखकर मनीष के मन में भी ट्रैकिंग के प्रति रूचि जागृत हुई। मनीष का सपना माउंट एवरेस्ट की ट्रैकिंग कर चोटी तक पहुंचने का है।

स्वजनों एवं ग्रामीणों में खुशी की लहर

मनीष के ट्रैकिंग का वर्ल्ड रिकार्ड बनाने पर स्वजनों तथा ग्रामीणों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई है। परिहारपुर पंचायत के मुखिया हीराकांत मिश्र, पूर्व मुखिया विनोद यादव, करहिया पश्चिमी पंचायत के पूर्व मुखिया नंद कुमार झा, दादा राधेश्याम झा, भाजपा नेता राजीव झा समेत दर्जनों लोगों ने मनीष की सफलता पर प्रसन्नता तथा गर्व का इजहार किया है।  


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