Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नवमी पर स्वयं करें हवन, दैनिक पूजा-अर्चना के बाद अग्नि की करें स्थापना

    By Ajit KumarEdited By:
    Updated: Thu, 18 Oct 2018 06:00 AM (IST)

    मां की आराधना में हवन का विशेष महत्व, आम की चौकोर लकड़ी लगाकर, कपूर रखकर जला दें।

    नवमी पर स्वयं करें हवन, दैनिक पूजा-अर्चना के बाद अग्नि की करें स्थापना

    मुजफ्फरपुर (जेएनएन) । यदि नवरात्र पर हवन करने के लिए पंडित जी समय नहीं दे पा रहे तो परेशान होने की जरूरत नहीं। ज्योतिष मर्मज्ञ पंडित प्रभात मिश्र बताते हैं कि मां की आराधना के साथ-साथ हवन का विशेष महत्व है। सबसे पहले दैनिक पूजा करने के बाद अग्नि स्थापना करें फिर आम की चौकोर लकड़ी लगाकर, कपूर रखकर जला दें। उसके बाद इन मंत्रों से हवन करें।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

     ऊं आग्नेय नम: स्वाहा, ऊं गणेशाय नम: स्वाहा, ऊं गौरियाय नम: स्वाहा, ऊं वरुणाय नम: स्वाहा, ऊं सूर्यादि नवग्रहाय नम: स्वाहा, ऊं दुर्गाय नम: स्वाहा, ऊं महाकालिकाय नम: स्वाहा, ऊं हनुमते नम: स्वाहा, ऊं भैरवाय नम: स्वाहा, ऊं कुल देवताय नम: स्वाहा, ऊं स्थान देवताय नम: स्वाहा, ऊं ब्रह्माय नम: स्वाहा, ऊं विष्णवे नम: स्वाहा, ऊं शिवाय नम: स्वाहा, ऊं जयंती मंगलाकाली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा, स्वधा नमस्तुति स्वाहा, ओम ब्रह्मामुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: क्षादी: भूमि सुतो बुधश्च गुरुश्च शुक्रे शनि राहु केतो सर्वे ग्रहा शांति कर: स्वाहा, ओम गुरुर्ब्रम्हा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर: गुरु साक्षात् परम ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नम: स्वाहा, ओम त्रयम्बकम् यजामहे सुगंधीं पुष्टि वद्र्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् मृत्युन्जाय नम: स्वाहा, ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते।

    हवन के बाद नारियल (गरीगोला) में कलेवा बांधकर फिर चाकू से काटकर ऊपर के भाग में सिंदूर लगाकर घी भरकर चढ़ा दें। फिर पूर्णाहुति करें। नारियल में छेदकर घी भरकर, लाल धागा बांधकर पान, सुपारी, लौंग, जायफल, बताशा आदि रखकर मंत्र पढ़ें।

      पूर्णाहुति मंत्र - ओम पूर्णमद : पूर्णमिदम् पूर्णात पुण्य मुदज्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल बिसिस्यते स्वाहा। पूर्णाहुति के बाद यथाशक्ति दक्षिणा माता के पास रख दें, फिर आरती करें। क्षमा मांगें। अपने ऊपर से किसी से एक रुपया उतरवाकर किसी अन्य को दे दें।