मधुबनी पेटिंग कलाकार दुलारी देवी को मिला पद्मश्री सम्मान
मधुबनी पेटिंग के क्षेत्र में दुलारी देवी ने अपने संघर्ष के बूते अपनी अलग पहचान बना चुकी है। इनकी पेंटिंग की पूरी दुनिया मुरीद है। देश-दुनिया की कई नामचीन पत्र-पत्रिकाओं में दुलारी का बखान है। दुलारी नई पीढ़ी के कलाकारों के लिए मिसाल बन चुकी हैं।

मधुबनी, जासं। मधुबनी पेटिंग के प्रसिद्ध कलाकार जिले के रांटी गांव निवासी दुलारी देवी को मंगलवार को दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया। बता दें कि मधुबनी पेटिंग के क्षेत्र में दुलारी देवी ने अपने संघर्ष के बूते अपनी अलग पहचान बना चुकी है। इनकी पेंटिंग की पूरी दुनिया मुरीद है। देश-दुनिया की कई नामचीन पत्र-पत्रिकाओं में दुलारी का बखान है। इग्नू के मैथिली भाषा के अध्ययन सामग्री के मुखपृष्ठ पर दुलारी अपनी जगह बना चुकी है। दुलारी नई पीढ़ी के कलाकारों के लिए मिसाल बन चुकी है।
2012-13 में राज्य पुरस्कार से हुई सम्मानित
जिले के राजनगर प्रखंड के रांटी गांव की 53 वर्षीय दुलारी देवी अब तक तकरीबन आठ हजार पेंटिंग्स बना चुकी हैं। वर्ष 2012-13 में दुलारी राज्य पुरस्कार से सम्मानित की जा चुकी हैं। गीता वुल्फ की पुस्तक फॉलोइंग माइ पेंट ब्रश और मार्टिन लि कॉज की फ्रेंच में लिखी पुस्तक मिथिला में दुलारी की जीवन गाथा व कलाकृतियां सुसज्जित हैं। सतरंगी नामक पुस्तक में भी इनकी पेंटिंग ने जगह पाई है। इग्नू के लिए मैथिली में तैयार किए गए आधार पाठ्यक्रम के मुखपृष्ठ के लिए इनकी पेंटिंग चुनी गई। देश के अनेक शैक्षणिक व अन्य संस्थानों की दीवारों पर इनकी पेंटिंग्स शोभा बढ़ा रही हैं। पटना में बिहार संग्रहालय के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुलारी देवी को विशेष तौर पर आमंत्रित किया था। वहां कमला नदी की पूजा पर इनकी बनाई एक पेंटिंग को जगह दी गई। मधुबनी के थाना चौक स्थित विद्यापति टावर पर दुलारी देवी की पेटिंग छटा बिखेर रही है।
दुलारी देवी की पेंटिंग को फिल्म कलाकार वैजयंती माला ने सराहा
एक दशक पूर्व केरल में पेंटिंग प्रदर्शनी में दुलारी देवी की पेंटिंग को फिल्म कलाकार वैजयंती माला ने सराहा था। लॉकडाउन के दौरान देवी जिले के कोठिया, पेटघाट, लोहना, रुपौली, खड़क गांव के सरकारी विद्यालयों को संवार दिया। लॉकडाउन के दौरान दुलारी की बनाई एक पेटिंग की बिक्री अमेरिका में 50 हजार रुपये में हुई। यह पेंटिंग अमेरिका डाक के माध्यम से भेजी गई थी।
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