इस साल मधुबनी जिले को मिला एक और मंत्री व एक एमएलसी का तोहफा
Madhubani News कोरोना संक्रमण ने ससमय पंचायत चुनाव पर लगाया था ब्रेक सत्येन्द्र कामत ने इसी साल थामीं जदयू जिलाध्यक्ष पद की कमान इस साल अब तक नहीं कराया जा सका स्थानीय प्राधिकार कोटे से विधान पार्षद का चुनाव।
मधुबनी, जासं। वर्ष 2021 में जिले को एक मंत्री एवं एक विधान पार्षद का तोहफा मिला। हालांकि, स्थानीय प्राधिकार कोटे से समय पर विधान परिषद का चुनाव नहीं होने से जिले को एक विधान पार्षद से हाथ धोना पड़ा। इस साल के प्रारंभ में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में जिले को एक और मंत्री मिला। विधान पार्षद संजय कुमार झा को मंत्री बनाया गया। इनके जिम्मे जल संसाधन विभाग और सूचना एवं जन संपर्क विभाग दिया गया। इससे पहले 2020 में ही जिले से जदयू विधायक शीला कुमारी एवं भाजपा विधायक डॉ. रामप्रीत पासवान नीतीश सरकार में मंत्री बनाया गया। वर्ष 2021 में भाजपा नेता घनश्याम ठाकुर को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया गया। इस प्रकार जिले को एक विधान पार्षद भी मिला।
हालांकि, समय पर स्थानीय प्राधिकार कोटे से विधान पार्षद का चुनाव नहीं होने से जिले को एक विधान पार्षद से हाथ धोना पड़ा। इस कोटे से सुमन कुमार महासेठ विधान पार्षद थे। वहीं, जिले में इस साल जदयू को नया जिलाध्यक्ष मिला। इस साल जनवरी में सत्येन्द्र कामत को जदयू का जिलाध्यक्ष बनाया गया। इसी साल लोजपा जिलाध्यक्ष बचनू मंडल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं, पूर्व विधान पार्षद व लोजपा नेता प्रो. बिनोद कुमार सिंह इस साल पुन: जदयू में शामिल हो गए। पहले भी ये जदयू में रहे थे।
अधिकांश निवर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों के लिए अनलकी रहा साल
राजनीति क्षेत्र में वर्ष 2021 अधिकांश निवर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों एवं ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों के लिए लकी साबित नहीं हुआ। कोरोना संकट के कारण समय पर पंचायत आम चुनाव नहीं कराया जा सका। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत जिला स्तर, पंचायत समिति स्तर, ग्राम पंचायत स्तर एवं ग्राम कचहरी स्तर पर परामर्शी समिति का गठन कर त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं एवं ग्राम कचहरियों का कामकाज निपटाया गया। लगभग छह माह विलंब से पंचायत आम चुनाव कराया गया। इस चुनाव में अधिकांश निवर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों को पराजय का सामना करना पड़ा। कलुआही प्रखंड में सभी निवर्तमान मुखिया को जनता ने नकार दिया।
जिला परिषद अध्यक्ष को मिली शिकस्त
जिला परिषद अध्यक्ष शीला देवी भी जिला परिषद सदस्य पद का चुनाव हार गईं। पंडौल, राजनगर सहित कई प्रखंड के प्रमुख तक को पंचायत समिति सदस्य पद पर पराजय का सामना करना पड़ा। इसके अलावा 41 निवर्तमान जिला पार्षदों तक को पराजय का सामना करना पड़ा। निवर्तमान 56 जिला पार्षदों में से केवल दस निवर्तमान जिला पार्षदों को ही सफलता हाथ लग सकी। हालांकि निवर्तमान पांच जिला पार्षद चुनाव मैदान में नहीं उतरे थे।
एमएलसी की पत्नी को जनता ने नकारा
विधान पार्षद घनश्याम ठाकुर की पत्नी एवं निवर्तमान जिला पार्षद सुनैना देवी को भी पराजय का सामना करना पड़ा। पूर्व विधायक गुलाब यादव की पुत्री को जिला परिषद सदस्य पद का चुनाव जीतने में कामयाबी हाथ लगी। लेकिन, पूर्व विधायक गुलाब यादव की पत्नी को जिला परिषद सदस्य पद के चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा। अधिकांश निवर्तमान मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्यों को भी पराजय का सामना करना पड़ा।