मधुबनी के हास्य कवि ने गाया गीत, 'साइकिल की फिर से उतार देंगे चेन, हम हैं योगी जी के फैन...'
Bihar news मधुबनी के हास्य कवि शंभू शिखर का योगी सरकार के पक्ष में गाया गीत इंटरनेट मीडिया पर छाया नेहा सिंह राठौर के यूपी में का बा के बाद बिहार के दूसरे कवि ने विधानसभा चुनाव को लेकर गाया गीत।
मधुबनी {कपिलेश्वर साह)। उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव को लेकर आजकल इंटरनेट मीडिया पर कई गीत छाए हैं। नेहा सिंह राठौर के 'यूपी में का बा...' के जवाब में कई लोगों ने गीत गाया है। मधुबनी जिले के सौराठ गांव निवासी देश के जाने-माने हास्य कवि शंभू शिखर भी इसमें पीछे नहीं हैं। उन्होंने चुनावी गीत 'एगो जोगी चललबा गोरखपुर से, गुंडन के ठोकत' और 'साइकिल की फिर से उतार देंगे चेन, हम हैं योगी जी के फैन...'। गाकर लोगों का ध्यान खींचा है। यह इंटरनेट मीडिया पर छाया हुआ है।
चार और गाना जल्द करेंगे रिलीज
भोजपुरी में इस गीत के लेखक और गायक शंभू शिखर ने बताया कि किसी सरकार के लिए भयमुक्त समाज का निर्माण पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। योगी सरकार ने भयमुक्त समाज के लिए पहल की है। उन्होंने बताया कि यूपी चुनाव के संदर्भ में अब तक दो गीत रिलीज किए हैं। और चार गीत शीघ्र ही रिलीज करेंगे। इसके लिए योगी सरकार या फिर भारतीय जनता पार्टी के किसी नेता से कोई बातचीत नहीं हुई है। इस तरह के गाने को लेकर कोई भी आग्रह नहीं आया है। यह काम वे स्वेच्छा से कर रहे हैं।
38 वर्षीय शंभू शिखर वर्ष 2014 से कवि सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं। नोएडा से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी करने के बाद कविता के क्षेत्र में बढऩे लगे। उन्होंने बताया कि कविता लेखन व पाठ में छोटे के बजाय बड़े शहरों में करियर है।
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता से मिली प्रेरणा
शंभू शिखर ने बताया कि 10वीं की पढ़ाई के दौरान राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता 'जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है'... से प्रेरित होकर कविता लिखने लगा। बाद में हास्य के क्षेत्र में कविता को आगे बढ़ाने लगा। कविता और कला को जिंदा रखने के लिए कलाकारों को प्रोत्साहन की जरूरत है। इसके लिए सरकार को ठोस पहल करनी चाहिए। हंसता हुआ इंसान कभी अपराध नहीं कर सकता। समाज को अपराध मुक्त बनाने के लिए हास्य बड़ा महत्व रखता है। मेडिकल साइंस ने भी स्वस्थ रहने के लिए हंसने और ताली बजाने को तरजीह दी है।
शंभू शिखर देश के अलावा दुबई, हांगकांग, नाइजीरिया, बहरीन सहित अब तक 21 देशों में काव्य पाठ कर चुके हैं। भारत सहित किसी भी देश में काव्य पाठ के लिए मिथिला की संस्कृति के अनुरूप धोती, पाग, दोपटा पहनकर मंच पर पहुंचते हैं।