बेला का लेदर प्रशिक्षण केंद्र खंडहर में तब्दील, सुध लेने वाला कोई नहीं
बंद पड़े इस प्रशिक्षण केंद्र के बारे में किसी को सोचने का मौका तक नहीं। विगत 20 वर्ष से बंद है प्रशिक्षण केंद्र किसी दूसरे उद्यमियों को भी यह नहीं की ...और पढ़ें

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बेला औद्योगिक क्षेत्र के फेज-1 में दशकों पहले बना लेदर प्रशिक्षण केंद्र अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। उसमें लगी करोड़ों की मशीनें भी नाकाम हो चुकी हैं। कुछ चोर ले गए, जो बची वह किसी काम के लायक नहीं। बावजूद इसके सुध लेने वाला कोई नहीं है। सरकारी संस्था होने के कारण अनावश्यक जगह भी अतिक्रमित है। वहां अच्छी फैक्ट्री लग सकती है, लेकिन अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। वे इसको किसी नए उद्यमियों को आवंटित करने से घबराते हैं। उनको इस बात का डर है कि कहीं कानूनी पचड़े में न फंस जाएं। जबकि कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की घोषणाएं हमेशा आम चर्चा में रहती हैं।
उत्तर बिहार उद्यमी संघ के पूर्व अध्यक्ष चितरंजन प्रसाद कहते हैं कि इसके बंद हुए 20 साल से अधिक हो गए। जब यह चालू हालत में था तब यहां से चमड़े की कारीगरी का प्रशिक्षण लेने के बाद युवाओं को रोजगार मिलता था। पशु शव उपयोग, चमड़ा शोधन और जूता निर्माण एवं चमड़ा जैसे उपयोगी ट्रेडों में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता था। युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए हर ट्रेड की कई मशीनें लगाई गई थी। लेकिन सब ध्वस्त हो गई। केवल भवन और बोर्ड बचा हुआ है।
बियाडा कार्यकारी निदेशक व विकास अधिकारी सौम्य वर्मा ने बताया कि यह लेदर ट्रेनिंग सेंटर उच्च न्यायालय के अधीन है। जब तक न्यायालय से कोई दिशा निर्देश नहीं मिलता, तब तक बियाडा की ओर से कोई अगली कार्रवाई नहीं हो सकती। अन्य जिलों में भी इस तरह के कई केंद्र हैं, जो ध्वस्त हो चुके हैं।

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