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मुजफ्फरपुर में रोजगार का नया हब होगा लेदर पार्क, 10 एकड़ में तैयार हो रहा लेदर गुड्स पार्क

Muzaffarpur 96 उद्यमी खड़ा कर सकेंगे अपना रोजगार जूता से लेकर पर्स व बैग तक होगा तैयार ऑनलाइन लिए जा रहे आवेदन शेड और कॉमन सुविधा केंद्र बनकर तैयार हो चुके हैं उन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 07:35 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 07:35 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में रोजगार का नया हब होगा लेदर पार्क, 10 एकड़ में तैयार हो रहा लेदर गुड्स पार्क
मुजफ्फरपुर के बेला में तैयार हो रहे बिक्री केंद्र। जागरण

मुजफ्फरपुर, { अमरेंद्र तिवारी} । बेला औद्योगिक परिसर में बन रहा लेदर गुड्स पार्क रोजगार का नया हब होगा। यहां लेदर के पर्स, बेल्ट, जैकेट, जूते-चप्पल, बैग व अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे। फिलहाल 10 एकड़ में 96 इकाई सह बिक्री केंद्र विकसित करने की योजना पर काम चल रहा है। शेड और कॉमन सुविधा केंद्र बनकर तैयार हो चुके हैं, उन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है। योजना के अनुरूप अगले साल के अंत तक इकाइयों के शुरू होने की उम्मीद है। शेड के लिए लोगों के ऑनलाइन आवेदन आ रहे हैं। अभी तक 100 से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं। एक शेड का किराया करीब 3300 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से तय किया गया है।

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बना-बनाया मिलेगा शेड 

बियाडा के कार्यकारी निदेशक संतोष कुमार सिन्हा ने बताया कि लेदर पार्क, उद्योग विभाग की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। जिला समेत आसपास के हुनरमंद युवाओं की टोली दूसरे शहरों में लेदर के उत्पाद बनाने में लगी है। वैसे युवा यहां अपनी यूनिट लगाकर खुद का कारोबार खड़ा कर सकते हैं। उन्हेंं बना-बनाया शेड मिल रहा है। आठ ब्लॉक में 96 शेड यानी निर्माण केंद्र हैं। हर केंद्र शौचालय, पानी व अन्य जरूरी सुविधाओं से युक्त है। उद्यमी अपनी मशीन लगाकर काम करेंगे। उत्पादन के बाद बाजार भी मिलेगा। ब्रांडेड जूते के निर्माण और डिजाइनिंग के लिए आगरा, कानपुर, लुधियाना, कोलकाता के उद्यमियों से संपर्क किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी तक के निर्माण पर करीब 15 करोड़ की राशि खर्च हुई है। परिसर में खाली जमीन है। उद्यमियों की संंख्या बढऩे पर इकाइयों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

अपने शहर में काम करने की तैयारी 

पक्की सराय के वसीम बताते हैं कि वे मुंबई में बेल्ट व पर्स बनाने वाली एक कंपनी में काम करते हैं। काम के अनुसार उन्हेंं पारिश्रमिक नहीं मिलती। वे अपने ही शहर में खुद का काम शुरू करने की योजना बना रहे हैं। यहां काम शुरू करते हैं तो एक दर्जन लोगों को रोजगार दे सकते हैं। सकरा के मु़केश कुमार ने बताया कि फिलहाल वे कोलकाता में एक बैग कंपनी में काम कर रहे हैं। अब अपने शहर में काम करने की तैयारी है। बियाडा कार्यालय के अनुसार दिल्ली, मुंबई, कोलकाता व पंजाब में काम करनेवाले लोग फोन पर जानकारी ले रहे हैं।


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