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    मुजफ्फरपुर के गोबरसही आरओबी निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू

    By Babul Deep Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Mon, 01 Dec 2025 10:56 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में गोबरसही आरओबी के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिला प्रशासन ने आवश्यक भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसका उद्देश्य शहर में यातायात को सुगम बनाना है। यह परियोजना मुजफ्फरपुर के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे जाम की समस्या से निजात मिलेगी और आवागमन आसान होगा।

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    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है। 

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर । गोबरसही आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) के निर्माण को लेकर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पुल निर्माण निगम की ओर से भगवानपुर मौजा में अधिग्रहण को लेकर जिला भू-अर्जन कार्यालय को अधियाचना भेजी गई है। इसके अनुसार 0.8380 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जाएगी।

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    अब भूमि की दर, किस्म व वर्गीकरण निर्धारित करने के लिए कमेटी गठित होगी

    जिला भू-अर्जन कार्यालय द्वारा अधियाचना का अवलोकन किया जा रहा है, क्योंकि पिछली बार तकनीकी त्रुटि से इसे वापस कर दिया गया था। अब पुल निर्माण निगम ने सुधार करते हुए अधियाचना सौंपी है। अब भूमि की दर, किस्म व वर्गीकरण निर्धारित करने के लिए कमेटी गठित होगी।

    यह एमवीआर निर्धारित करेगी, उसी के अनुसार मुआवजा भुगतान को लेकर प्राक्कलन तैयार किया जाएगा। इसके लिए सामाजिक प्रभाव का आकलन भी किया जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि अधिग्रहण के कारण कोई परिवार विस्थापित तो नहीं होगा। अगर ऐसा होगा तो फिर उन परिवारों को पुनर्वास योजना का लाभ दिया जाएगा।

    भूमि अधिग्रहण डुमरी रोड में किया जाएगा। इस ओर से एक आरओबी का रैंप गिराया जाएगा ताकि उस ओर से आने वाले लोगों को भी सुविधा हो। इसके अलावा एक-एक रैंप भगवानपुर, रामदयालु व चक्कर रोड की ओर होगा। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद समपार फाटक को बंद कर दिया जाएगा। पुल निर्माण निगम की ओर से एनएचएआइ को भी एनओसी के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। इस पर भी शीघ्र अनुमति मिलने की संभावना है।

    122 करोड़ से होना है निर्माण 

    इस योजना का कार्य करीब 122 करोड़ रुपये से किया जाना है। प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद विभाग ने टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर ली है। इसे लेकर पिछले दिनों जनसुनवाई हुई थी, लेकिन अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। इस योजना को वर्ष 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।