जानिए, NH-77 बाइपास निर्माण का रास्ता साफ होने का क्या होगा फायदा
पटना-मुजफ्फरपुर हाईवे पर मधौल के पास से बाइपास का करना है निर्माण। विरोध की वजह से नहीं हो रहा था सड़क निर्माण।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या (एनएच) 77 के मधौल बाइपास के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इसको लेकर बुधवार को डीडीसी उज्जवल कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई। इसके बाद जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने एनएचएआइ से भूमि अधिग्रहण के लिए राशि की मांग की है। जिला भू-अर्जन कार्यालय से विभाग को भेजे गए प्रतिवेदन में बताया गया कि प्राक्कलित एवं स्वीकृत राशि 177.5 करोड़ रुपये है।
एनएचएआइ द्वारा अब तक 99.85 करोड़ रुपये जिला भू-अर्जन विभाग को उपलब्ध कराया गया है। इसमें से 80 प्रतिशत 61.92 करोड़ रुपये वितरित कर दिया गया है। शेष राशि बची है। रिपोर्ट में आगे में बताया गया है कि सभी 36 मौजे की अंतिम प्राक्कलित राशि स्वीकृत कर परियोजना निदेशक एनएचएआइ छपरा को स्वीकृति के लिए भेजी गई है। परंतु एनएचएआइ द्वारा प्राक्कलन का अनुमोदन एवं तदनुरूप राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है।
अंतिम प्राक्कलन का अनुमोदन
एनएचएआइ के द्वारा अंतिम प्राक्कलन का अनुमोदन एवं राशि उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण पंचाट घोषित नहीं हो सका है। इसलिए शेष राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है। बता दें कि गत दिनों मंत्रालय ने बाइपास पर लगे संकट को दूर करने का निर्देश दिया था। इसके पूर्व एक दिसंबर 2018 को पथ निर्माण विभाग मंत्री की अध्यक्षता में भी एनएच 77 बाइपास के साथ पूरे परियोजना के निर्माण हेतु अर्जित की जाने वाली भूमि के मुआवजा भुगतान में आ रही कठिनाईयों के निराकरण के लिए संपन्न बैठक में कई बिंदुओं पर निर्देश दिया गया था। जिसमें कहा गया था कि इस परियोजना के 36 मौजे के लिए भेजे गए प्राक्कलन के अनुरूप अद्यतन सूद की राशि की गणना के साथ मिलने वाली मुआवजा राशि संबंधी प्रतिवेदन तैयार कर सभी मौजा अंचल कार्यालय परिसर में सूचना पट में प्रदर्शित कर दिया जाए।
भू-अर्जन की बात पर चर्चा
समीक्षा बैठक में डॉ. जगन्नाथ मिश्रा कॉलेज के पास आरसीसी पुल के पहुंच पथ निर्माण हेतु भी भू-अर्जन की बात पर चर्चा की गई। इसके लिए संबंधित विभाग को भी प्रतिवेदन भेजा गया है। इसके अलावा बैठक में हाजीपुर-सुगौली नई रेलवे लाइन, छपरा-मुजफ्फरपुर नई रेल लाइन, एनएच 527 सी मझौली-चरौत खंड समेत करीब एक दर्जन निर्माण कार्यो में भूमि अधिग्रहण व भू स्वामियों को मुआवजा की बिंदु पर भी समीक्षा की गई।
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