Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    CLAT : जानिए कैसे इसके माध्यम से कानून की दुनिया में शीर्ष तक पहुंचा जा सकता Muzaffarpur News

    By Ajit KumarEdited By:
    Updated: Tue, 25 Feb 2020 11:59 AM (IST)

    CLAT दिल्ली के छात्रों को कानून पढ़ा रहे मुजफ्फरपुर के निशांत प्रकाश। बेसिक नॉलेज के साथ-साथ अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ जरूरी। स्पीड और एकुरेसी के लिए अधिक से अधिक अभ्यास करना चाहिए।

    CLAT : जानिए कैसे इसके माध्यम से कानून की दुनिया में शीर्ष तक पहुंचा जा सकता Muzaffarpur News

    मुजफ्फरपुर, [अजित कुमार] । तमाम तकनीकी तरक्की के बावजूद कॅरियर को लेकर हमारे समाज में सीमित विकल्प। यदि कोई इंजीनियरिंग और मेडिकल में सफल नहीं होता तो उसे खारिज कर दिया जाता। लेकिन, कॅरियर के हजारों विकल्प हैं जिसको अपनाकर बेहतर जीवनयापन के लिए पर्याप्त पैसे और समाज में सम्मान अर्जित किया जा सकता है। लॉ यानी कानून का क्षेत्र उसमें एक है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अभ्यर्थी को 12वीं पास होना चाहिए

    ये बातें क्लैट सुपर-30 के नाम से दिल्ली में ख्यात मुजफ्फरपुर निवासी निशांत प्रकाश ने कहीं। बोले, क्लैट प्रवेश द्वार है। इसकी मदद से कानून की दुनिया में शीर्ष तक पहुंचा जा सकता है। क्लैट यानी कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट। इसमें शामिल होने के लिए अभ्यर्थी को 12वीं पास होना चाहिए। अभी इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। 31 मार्च तक आवेदन किया जा सकता। पूरे देश में क्लैट से 22 लॉ यूनिवर्सिटी संबद्ध हैं। जहां बीए एलएलबी (ऑनर्स) की पढ़ाई कराई जाती है। यह पांच वर्षीय कोर्स है।

    मुजफ्फरपुर में परीक्षा केंद्र 

    निशांत ने बताया कि मई के दूसरे रविवार को इसकी परीक्षा होती है। इस बार मुजफ्फरपुर में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इसका तात्पर्य यह कि इस शहर के बच्चे भी लॉ की पढ़ाई में दिलचस्पी लेने लगे हैं। इतना ही नहीं वे इसमें एक खास मुकाम हासिल करना चाह रहे हैं। यदि योजना के अनुसार तैयारी की जाए तो क्लैट में सफलता हासिल की जा सकती है। परीक्षा अंग्रेजी माध्यम में होती है। तात्पर्य यह कि सभी प्रश्न अंग्रेजी में ही लिखे होंगे। प्रश्न बहुवैकल्पिक होते हैं। ये लीगल नॉलेज, बेसिक मैथ, जनरल नॉलेज, रीजनिंग और इंग्लिश से जुड़े होते हैं। कहा, इसके माध्यम से अभ्यर्थियों के बेसिक नॉलेज को परखा जाता है। हाल में इसके पैटर्न में बदलाव किए गए। जिसका उद्देश्य भाषा को परखना है। जो पैराग्राफ दिए जाते हैं उसमें समृद्ध अंग्रेजी का प्रयोग किया जाता है।

    आठवीं से ही  तैयारी शुरू करें 

    क्लैट में सफलता के लिए अभ्यर्थी के साथ-साथ उनके अभिभावक को भी मानसिक रूप से तैयार होना होगा। उन्हें पहले तो यह फैसला करना होगा कि अपने बच्चों को इंजीनियरिंग और मेडिकल से अलग लॉ के क्षेत्र में भेजना है। दूसरा यह कि आठवीं से ही बच्चे की पढ़ाई उस मोड में आरंभ करनी होगी। खासकर अंग्रेजी की। द हिंदू अखबार से इसमें मदद मिलेगी। इसके साथ-साथ लॉ जर्नल की सहायता भी लेनी चाहिए।