Khushi kidnapping case : सुराग के करीब पहुंची CBI, संदिग्धों के Narco Test कराने की तैयारी
मुजफ्फरपुर से साढ़े चार साल पहले अपहृत खुशी का अभी तक पता नहीं चला है। सीबीआई की टीम ने खुशी के पिता से बात की और संदिग्धों के नार्को टेस्ट की मांग की। पुलिस जांच में सामने आया कि अमन खुशी को घुमाने ले गया था जिसके बाद वह लापता हो गई। अमन फिलहाल जमानत पर है और सीबीआई उसे पूछताछ के लिए ढूंढ रही है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के पमरिया टोला इलाके से करीब साढ़े चार वर्ष पूर्व अपहृत खुशी का अब तक कोई पता नहीं चला है। पुलिस की विफलता के बाद सीबीआइ मामले की जांच कर रही है, लेकिन अब तक ठोस परिणाम सामने आते नहीं दिख रहा है।
मामले में मंगलवार को सीबीआइ के ज्वाइंट डायरेक्टर राजीव रंजन के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम सर्किट हाउस पहुंचकर अपहृत खुशी के पिता से करीब एक घंटे तक कई बिंदुओं पर बात की। खुशी के पिता राजन साह ने बताया कि सीबीआइ के अधिकारियों का मैसेज मिला था।
इसके बाद सर्किट हाउस गए थे। कई बिंदुओं पर बातचीत हुई है। इस दौरान कई बिंदुओं पर जानकारी भी ली गई। केस के जांच अधिकारी को इस मामले में जमानत पर बाहर आए अमन का बेल रद कराने के लिए कहा गया है।
इसके अलावा अपहृत खुशी के पिता द्वारा बताए गए संदिग्धों के ब्रेन मैपिंग व नार्को टेस्ट कराने की भी कवायद की जाने की बात कही गई है। खुशी के पिता ने बताया कि तीन संदिग्धों के नाम सीबीआइ को बताए थे। ये सभी उनके मुहल्ले के ही हैं।
इसमें दो संदिग्धों का नार्को टेस्ट कराए जाने के लिए जांच अधिकारी को कहा गया है। विदित हो कि 16 फरवरी 2021 की शाम ब्रह्मपुरा के पमरिया टोला इलाके में सरस्वती पूजा पंडाल से पांच वर्षीय खुशी कुमारी का अपहरण कर लिया गया था। खुशी के पिता राजन साह ने अगले दिन ब्रह्मपुरा थाने में अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी कराई थी।
बाइक से खुशी को घुमाने ले गया था अमन
पुलिस जांच में सामने आया कि अमन बाइक से खुशी को घुमाने ले गया था। उसके बाद वह वापस नहीं लौटी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा। वह इन दिनों जमानत पर बाहर है। सीबीआइ की टीम अमन को पूछताछ के लिए खोज रही है, लेकिन वह मुंबई भागा हुआ है।
इसके कारण उसकी गतिविधि पर संदेह गहराते जा रहा है। इसलिए उसका बेल रद कराने के लिए कवायद की जाएगी। बता दें कि पुलिस द्वारा उसके विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र भी दाखिल किया गया था।
ढाई वर्षों से सीबीआइ कर रही जांच, अब तक पर्दाफाश नहीं
पुलिस की जांच के बाद भी जब खुशी का कोई पता नहीं चला तो उसके पिता ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। इसकी सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने दिसंबर 2022 में मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी। दिसंबर से सीबीआइ मामले की जांच कर रही है। जांच दर जांच करीब ढाई वर्ष से अधिक समय पूरे होने को है, लेकिन अब तक सीबीआइ को कोई ठोस परिणाम नहीं मिला है। भले ही सुराग मिलने की बात कही जा रही है।
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