Muzaffarpur News: ट्रेनों की टक्कर रोकेगा कवच, रामदयालु स्टेशन पर सर्वे पूरा
ट्रेनों की टक्कर रोकने के लिए कवच प्रणाली का रामदयालु स्टेशन पर सर्वे पूरा हो गया है। रेलवे अधिकारियों ने सिस्टम की स्थापना और कार्यक्षमता की जांच की। यह स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली खराब मौसम और मानवीय त्रुटियों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। ट्रेनों की आमने-सामने की टक्कर में यात्रियों की जान जाने से कवच सिग्नलिंग प्रणाली बचाएगी। इसको ट्रेन के इंजन में लगाने के बाद स्टेशन के पास सेटेलाइट टावर लगाकर कनेक्ट किया जाएगा। साथ ही रेल पटरियों में भी यंत्र लगाया जाएगा। इसके लगने से यात्री मुस्कान के साथ सुरक्षित यात्रा पूरी कर सकेंगे।
देश में दक्षिण मध्य रेल में पहली बार ट्रायल हुआ था। इसके बाद जो त्रुटियां आईं, उन्हें दूर कर और एडवांस किया गया है। अब इसका एडवांस वर्जन ही लगेगा। पूर्व मध्य रेल के सोनपुर रेलमंडल से इसकी कवायद शुरू की है। यहां हाजीपुर, सोनपुर के साथ रामदयालु में सर्वे कार्य पूरा कर लिया गया है।
पिछले सप्ताह हाजीपुर, सोनपुर में और सोमवार को रामदयालु नगर स्टेशन पर हुए सर्वे में इंजीनियरिंग, परिचालन, कामर्शियल, सिग्नल आदि कई विभाग के रेल अधिकारी शामिल हुए। सभी की संयुक्त सहमति से सर्वे रिपोर्ट सोनपुर मंडल को भेजी गई है।
रामदयालु स्टेशन के आगे पूरब की तरफ नया स्टेशन बन रहा है। आगे में दो नई रेल लाइन भी बननी हैं। इसको ध्यान में रखते हुए पूरब की तरफ स्टेशन से सटे एक खाली एरिया में कवच का सेटेलाइट टावर लगाया जाएगा। इस पर करोड़ों रुपये खर्च होंगे। इसके लगने से कोहरे में भी ट्रेनों की रफ्तार को गति मिलेगी।
एक रेल अधिकारी ने बताया कि इंजन के साथ स्टेशन के पास उसका सेटेलाइट टावर लगाने के साथ ही रेल पटरी के बीच-बीच में भी डिवाइस लगेगी। कवच प्रणाली को इतना मजबूत किया गया है कि चार किलोमीटर की रेंज में अगर दो ट्रेनें एक ही पटरी में आ भी गईं तो दोनों के चक्के में आटोमेटिक ब्रेक लग जाएगा और इसकी सूचना सभी जगहों पर चली जाएगी।
ट्रेन सिग्नल, इंडिकेटर और अलार्म भी बज उठेगा। इससे स्टेशन मास्टर के साथ लोको पायलट, सहायक लोको पायलट के साथ ट्रेन मैनेजर को भी सूचना मिल जाएगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।