Karwa Chauth 2025: क्या है इतिहास? तिथि और शुभ मुहूर्त कब है? किन ग्रहों का बन रहा महायोग?
Karwa Chauth 2025 Date and Timeकरवा चौथ व्रत की तिथि को लेकर अब कोई संशय नहीं है। इस वर्ष10 अक्टूबर 2025 को यह रखा जाएगा। यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। यह दाम्पत्य प्रेम सामाजिक एकता और स्त्री-शक्ति की निष्ठा को भी दर्शाता है।

गोपाल तिवारी, मुजफ्फरपुर। Karwa Chauth 2025 Date and Time: करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के प्रेम, परिवार की एकता और स्त्री-शक्ति के त्याग व संकल्प का प्रतीक है। यह व्रत न केवल पति की दीर्घायु के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि दाम्पत्य प्रेम, सामाजिक एकता और स्त्री-शक्ति की निष्ठा को भी दर्शाता है।
करवा चौथ का इतिहास क्या है?
इसका इतिहास पौराणिक कथाओं से जुड़ा है। एक कथा के अनुसार, करवा नामक एक स्त्री ने अपने पति की रक्षा यमराज से की थी। उसकी निष्ठा और दृढ़ता से प्रसन्न होकर यमराज ने उसके पति को जीवनदान दिया। तभी से करवा चौथ का व्रत रखा जाता है।
पंडित प्रभात मिश्र
करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य का व्रत करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता। इस वर्ष यह 10 अक्टूबर 2025 दिन शुक्रवार को पड़ रहा है। ज्योतिषाचार्य पंडित प्रभात मिश्र ने बताया कि कृतिका नक्षत्र में चांद निकलेगा और पूजन होगा। इस दिन चांद निकलने का समय 7 बजकर 57 मिनट पर है। पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 10 अक्टूबर 2025 को शाम 07:05 से लेकर 08:55 तक रहेगा।
ग्रहों का महायोग
करवा चौथ पर इस वर्ष ग्रहों का महायोग बन रहा है। शनि मीन राशि, गुरु और चंद्रमा मिथुन राशि पर शुक्र, सूर्य कन्या राशि में रहेंगे। इन ग्रहों का प्रभाव शुभ माना जाता है। करवा चौथ पर इस बार कृतिका नक्षत्र में पूजन होगा। वहीं गुरु मिथुन राशि में हैं। शुक्रवार का दिन होने की वजह से भी व्रती महिलाओं को गणेश भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
अखंड सौभाग्य देने वाला व्रत
खास तौर पर सुहागिनों के लिए यह करवा चौथ अखंड सौभाग्य देने वाला होगा। करवा चौथ के दिन मां पार्वती, भगवान शिव, कार्तिकेय एवं गणेश सहित शिव परिवार का पूजन किया जाता है। मां पार्वती से सुहागिनें अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। इस दिन करवे में जल भरकर कथा सुनी जाती है। महिलाएं सुबह सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ पूजा विधि
- सरगी: सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण करें, जो सास द्वारा दिया गया भोजन होता है।
- पूजा: शाम को मिट्टी या लकड़ी की वेदी पर शिव-पार्वती, गणेश, स्वामी कार्तिकेय और चंद्रमा की स्थापना करें।
- करवा चौथ कथा: करवा चौथ की कथा सुनें और व्रत की विधि पूरी करें।
- चंद्र दर्शन: रात में चंद्रमा को देखकर अर्घ्य दें और व्रत का पारण करें।
करवा चौथ के लाभ
- पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना पूरी होती है।
- परिवार में सुख-शांति और संबंधों को मजबूत बनाता है।
- स्त्री-शक्ति की निष्ठा और त्याग को दर्शाता है।
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