Pahalgam: बस इस वजह से पहलगाम में बच गई बिहार के 2 दंपती और 3 बच्चों की जान, पुलिस के व्यवहार से सहम गए सभी
मुजफ्फरपुर के रहने वाले राहुल कुमार अपने परिवार के साथ कश्मीर घूमने गए थे। पहलगाम में खाना खाने के लिए रुकने के कारण वे एक आतंकवादी हमले का शिकार होने से बाल-बाल बच गए। घटना के बाद वे डर गए और अपना पूरा टूर रद्द करके वापस लौट आए जिसमें उनका काफी नुकसान हुआ। पहलगाम में हुई इस घटना ने उन्हें दहशत में डाल दिया है।

गोपाल तिवारी, मुजफ्फरपुर। धरती पर स्वर्ग का अहसास दिलाने वाले कश्मीर में हुई आतंकी घटना ने सभी को झकझोर दिया है। पर्यटक भी सुरक्षित नहीं हैं।
बैरिया पुराना मोतिहारी रोड निवासी राहुल कुमार पत्नी अंजली वर्मा व चार साल के बेटे दर्श राज के साथ कश्मीर घूमने गए थे। आठ दिनों के टूर में पांच दर्शनीय स्थल घूमने का कार्यक्रम था।
उनके दोस्त देव प्रयाग निवासी डॉ.अर्जुन कोटियाल, उनकी पत्नी डा.मेघा मिश्रा, दो छोटे-छोटे बच्चों संग 27 को शादी की सालगिरह मनाने पहुंचे थे।
आतंकी घटना जिस दिन हुई उस वक्त 22 अप्रैल को दोपहर में श्रीनगर एयरपोर्ट से उतरकर सीधे पहलगाम पहुंचे थे। नाइट स्टे के लिए वहां दो दिनों का होटल बुक था।
पहलगाम होटल से आधा किलोमीटर रास्ते में एक रिसोर्ट नजर आया। वहीं पर खाना खाने के लिए रुक गए। खाना खाकर जैसे ही बाहर निकले, सड़क पर एबुलेंस, सेना, सीआरपीएफ की तेजी से गाड़ियों दौड़ रही थीं।
सभी की आंखों में खौफ नजर आ रहा था। लोग कश्मीर की तरफ भाग रहे थे। किसी तरह एक व्यक्ति को रोककर पूछा तो घटना की जानकारी मिली। उसने बताया कि आगे मत जाओ, आतंकवादी हमला हुआ है।
इसमें बहुत सारे लोग मारे गए हैं, तुम भी यहां से भागो। इसपर हम लोगों ने ईश्वर को धन्यवाद देते हुए गाड़ी से कश्मीर आ गए। वहां आने पर देखा कि पूरा श्रीनगर बंद हो गया था। कश्मीर में ग्रांड कौशर होटल बुक था, उसमें आ गए।
फूडिंग, लाजिंग के लिए डेढ़ लाख में कराई थी पांच पर्यटक स्थलों की बुकिंग
कश्मीर टाउन के अलावा पहलगाम में दो दिन, सोनमर्ग में एक, गुलमर्ग में एक व दूध पथरी की सौंदर्यवादियों में एक दिन नाइट हाल्ट के लिए वहां के होटलों व घूमने के लिए डेढ़ लाख में बुकिंग कराई थी।
सारा टूर छोड़कर दोगुना भाड़ा देकर एयर इंडिया के हवाई जहाज से भागकर दिल्ली पहुंचे। टूर का सारा पैसा डूब गया। कहा कि आठ दिनों के कश्मीर टूर के बाद माता वैष्णो देवी दर्शन के लिए भी जाना था।
जम्मू से दो मई को फ्लाइट से पटना वापसी थी। कश्मीर से दूसरे दिन दिल्ली आ गए। श्रीनगर एयर पोर्ट पर हजारों लोग खड़े थे।
इसको लेकर फ्लाइट के फेरे भी बढ़ाए गए। 10 की बजाय 20 हजार प्रति व्यक्ति से किराया लिया गया। सुरक्षित आ गए। दिल से बैठा डर अभी खत्म नहीं हुआ।
कश्मीर में पुलिस का रहा रूखा व्यवहार
पहलगाम से लौटकर कश्मीर स्थित होटल में आए। बच्चे का दूध लाने के लिए बाहर निकले। इस पर वहां की पुलिस बोली, कहां घूम रहे हो, दिल्ली का चांदनी चौक समझ लिए हो। जहां से भी आए हो जल्दी वापस हो जाओ।
पुलिस का ऐसा रूखा व्यवहार देख दिल और घबराने लगा। 23 अप्रैल को रात 11 बजे फ्लाइट का टिकट लेकर अगले दिन वहां से निकल आए।
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