West champaran : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में अब जंगल सफारी महंगी, नई रेट लिस्ट जारी
West champaran 18 फीसद जीएसटी के साथ हर तरह के किराया में की गई बढ़ोतर शनिवार से लागू हुई दर पर्यटकों को करनी होगी जेब ढीली गंडक नदी में नौका विहार करने के लिए पहले 100 रुपये शुल्क लगता था। अब 108 रुपये देने होंगे।
पश्चिम चंपारण (बगहा)। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी अब महंगी हो गई है। जंगल सफारी के रेट में 18 फीसद जीएसटी लगाते हुए बढ़ोतरी की गई है। वीटीआर प्रशासन ने जो संशोधित रेट लिस्ट बनाई है। उसमें अब पर्यटकों को पहले से अधिक जेब ढीली करनी होगी। पर्यटकों को जहां पहले जिप्सी से जंगल सफारी का 15 सौ रुपये चुकाने होते थे, अब 1770 रुपये देना होगा। वहीं जंगल सफारी कैंटर द्वारा प्रति व्यक्ति 300 रुपये देने पड़ते थे। अब 354 देने पड़ेंगे। गंडक नदी में नौका विहार करने के लिए पहले 100 रुपये शुल्क लगता था। अब 108 रुपये देने होंगे। वहीं कोलेश्वर झूला पुल पर पूर्व में 10 रुपया लगता था।
अब 12 रुपये देने होंगे। जटाशंकर मंदिर एवं वाल्मीकि आश्रम जाने के लिए चार पहिया वाहन से 50 रुपये लिए जा रहे हैं। जबकि दो पहिया के लिए 10 रुपये देने होंगे। 40 से अधिक बाघों का अधिवास क्षेत्र वीटीआर बिहार का स्वर्ग माना जाता है। लंबे समय के बाद किराये में बढ़ोतरी की गई है। जिप्सी के भाड़े में बढ़ोतरी के साथ-साथ रहने की व्यवस्था का शुल्क भी बढ़ा दिया गया है। वीटीआर में जंगल सफारी के लिए जो भी पर्यटक आते हैं उन्हें किराये पर जिप्सी या कैंटर लेना होगा। क्योंकि अंदर पैदल जाना या निजी वाहन ले जाने की इजाजत नहीं है। कोविड-19 संकट को देखते हुए 10 साल से कम उम्र के बच्चों एवं 65 साल से अधिक उम्र के वृद्धों का वीटीआर में प्रवेश वर्जित है। शनिवार से जंगल सफारी कि संशोधित दरें लागू कर दी गई हैं। रेंजर महेश प्रसाद ने बताया कि लंबे समय से किराये में कोई बदलाव नहीं हुआ था। बढ़ाए गए किराये में कई बातों को ध्यान में लिया गया है। बताते चले कि वीटीआर में भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। यह देखना होगा कि जंगल सफारी की रेट में बढ़ोतरी के बाद क्या असर पड़ता है।