सीएम नीतीश कुमार ने किस मजबूरी में जातीय गणना कराने का लिया फैसला, राजद नेता ने खोले राज
JDU vs RJD जातीय गणना कराने के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए शनिवार को जदयू ने सीएम नीतीश कुमार के प्रति आभार यात्रा निकाली। राजद के नेताओं ने कहा कि इस फैसले के पीछे दूसरी शक्ति ने काम किया है। श्रेय उसे ही मिलना चाहिए।
मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। बिहार देश का पहला राज्य है जिसने अपने खर्च पर जातीय गणना कराने का फैसला किया है। कुछ राजनीतिक जानकार इसे मंडल आयोग की रिपोर्ट की तरह ही देख रहे हैं। उनका मानना है कि इसका प्रभाव भी उसी स्तर का हो सकता है। खैर, यह तो वक्त ही तय करेगा। फिलहाल बिहार की राजनीति में एक सवाल उत्तर की प्रतीक्षा में है- सीएम नीतीश कुमार ने किस मजबूरी में जातीय गणना कराने का फैसला लिया? जदयू की ओर से निकाली जा रही आभार यात्रा के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की पार्टी के विधायकों ने इसका जवाब दे दिया है। मुजफ्फरपुर के राजद विधायक ने जदयू की ओर से जातीण गणना का श्रेय लेने की हो रही कोशिश को गलत करार दिया। कहा, इसका क्रेडिट उसे ही मिलना चाहिए जो सही मायने में इसका हकदार है।
जदयू को तेजस्वी यादव से डर
जदयू की ओर से पूरे राज्य में शनिवार को आभार यात्रा निकाली गई। जिसमें सीएम नीतीश कुमार को जातीय गणना कराने के ऐतिहासिक फैसला लेने के लिए धन्यवाद कहा गया। राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं ने इस पर सख्त नाराजगी का इजहार किया। मुजफ्फरपुर की कांटी विधानसभा सीट से राजद विधायक इसराइल मंसूरी ने मीडिया से कहा कि जदयू की आभार यात्रा से हमलोगों को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन क्रेडिट तो उसे ही मिलना चाहिए जो इसका हकदार है। बिहार की जनता ने यह बात देखी है कि जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चंपारण से लेकर दिल्ली तक पदयात्रा करने की घोषणा की, उसके बाद सीमए नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। तदोपरांत जातीय गणना कराने का फैसला किया गया। इस तरह से देखा जाए तो तेजस्वी यादव की वजह से सीएम नीतीश कुमार यह फैसला लेने को मजबूर हुए। सारा श्रेय तेजस्वी यादव को मिलना चाहिए,लेकिन जदयू वाले ऐसा होने नहीं देंगे। उनको इस बात का डर है कि तेजस्वी यादव पूरे देश के नेता हो जाएंगे।
राजनीतिक स्थिति में बदलाव के संकेत
गायघाट के विधायक निरंजन राय व कुढ़नी के विधायक डा.अनील सहनी ने कहा कि जातीय गणना तेजस्वी यादव की देन है। उनके लगातार प्रयास से ही यह संभव हो सका है। उनकी यात्रा तय होने के बाद सीएम ने बैठक बुलाई और इस पर फैसला लिया गया। इसलिए यह नेता प्रतिपक्ष की देन है। श्रेय के हकदार वही हैं। सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के एक साथ आने की अटकलों के बीच राजद नेताओं की ओर से दिए गए इस बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि हाल में राजद की ओर से सीएम के खिलाफ कोई भी बयान नहीं दिया जा रहा था। सरकार पर हमले भी कम कर दिए गए थे। इसलिए इसको राजनीति स्थिति में बदलाव के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है।