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    जयंती विशेष : प्रेमगीत के श्रेष्ठ रचनाकार थे डॉ.शिवदास पांडेय

    By Ajit kumarEdited By:
    Updated: Mon, 08 Feb 2021 08:33 AM (IST)

    कई प्रशासनिक पदों पर रहते हुए साहित्य के क्षेत्र में डॉ.शिवदास पांडेय ने किए सराहनीय कार्य। आम्रपाली ऑडिटोरियम और तथागत संग्रहालय का प्रोजेक्ट किया था तैयार। जीवन और मृत्यु कीे व्याख्या करने वाले उपन्यास त्रिणाचिकेत का प्रकाशन वे नहीं देख सके। उसका शीघ्र ही प्रकाशन किया जाएगा।

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    डॉ.शिवदास पांडेय मुजफ्फरपुर नगर निगम के पहले प्रशासक थे। फाइल फोटो

    मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। सारण जिले में आठ फरवरी 1934 को जन्मे सांस्कृतिक विचारधारा और प्रेमगीतों के श्रेष्ठ रचनाकार डॉ. शिवदास पांडेय की जयंती सोमवार को मनाई जाएगी। द्रोणाचार्य, गौतमगाथा, चाणक्य तुम लौट आओ, शंकराचार्य जैसे उपन्यास उनकी कालजयी रचनाएं हैं। डॉ.शिवदास पांडेय की पुत्री डॉ.वंदना विजय लक्ष्मी बतातीं हैं कि जीवन और मृत्यु कीे व्याख्या करने वाले उपन्यास त्रिणाचिकेत का प्रकाशन वे नहीं देख सके। उसका शीघ्र ही प्रकाशन किया जाएगा। कहा कि उनकी काव्यकृतियों नदी-प्यासी, ज्वार-ज्वार महासागर, मैंने यूं प्यार किया, सागरमथा हमेशा चर्चा में रही। डॉ.शिवदास पांडेय को कई साहित्यिक और सांस्कृतिक पुरस्कारों और सम्मानों से विभूषित किया गया। वे मुजफ्फरपुर नगर निगम के पहले प्रशासक और राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव भी रहे।

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    नगर प्रशासक के पद पर रहते हुए उन्होंने तथागत संग्रहालय और आम्रपाली ऑडिटोरियम का प्रोजेक्ट तैयार कराया था। विभिन्न प्रशासनिक पदों पर रहते हुए भी उन्होंने साहित्य साधना के क्षेत्र में अविस्मरणीय कार्य किए। भारतीय मिथक और विचारधारा के सच को अपने शोध और निबंधों के जरिये दिखाया। एक प्रभावशाली वक्ता के रूप में वे लोगों से हमेशा जुड़े रहे। शब्द संपदा, भाव वैभव और जीवन राग के साधक डॉ. शिवदास पांडेय का व्यापक सामाजिक सरोकार था।  

    संस्कृति उत्थान समिति न्यास भवन का गृह प्रवेश

    मुजफ्फरपुर : कलमबाग चौक स्थित संस्कृति उत्थान समिति न्यास के नए भवन का गृहप्रवेश पूजन रविवार को हुआ। विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा पर संस्कृति उत्थान समिति न्यास के अध्यक्ष अधिवक्ता गौरी शंकर प्रसाद बैठे। मालूम हो कि यहां तीन तल्ले का भवन 'मधुकर निकेतनÓ बना है। यह दो भागों मे बंटा है। एक में संस्कृति उत्थान समिति न्यास का कार्यालय रहेगा। दूसरा भाग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के उत्तर बिहार के कार्यालय के रूप में रहेगा। उत्तर बिहार प्रांत में मुजफ्फरपुर महानगर को लेकर राज्य के तीस जिले शामिल हैं। इसका मुख्यालय यही कार्यालय होगा। कार्यालय गृह प्रवेश पूजन में बाल्यकाल से लेकर वृद्धावस्था तक के स्वयंसेवक पहुंचे। पूजन उपरांत महाप्रसाद का भी वितरण किया गया। पूजन कार्यक्रम में मुख्य रूप से आरएसएस उत्तर बिहार प्रांत प्रचारक रामकुमार, चन्द्रमोहन खन्ना चन्नी, संजीव सिंह, सत्यार्थ प्रकाश, संजय मुरारका, अजय ठाकुर, दयाशंकर ठाकुर, शिवम सोनू, उत्तम कुमार, अनीश कुमार समेत बिहार के कई जिलों के गण्यमान्य मौजूद रहे।

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