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    Indian Railways: कर्मियों के यात्रा पास पर टिकट बनाने में लगता औसत से अधिक समय, आम यात्रियों को मिलता वेटिंग

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 02:34 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर जंक्शन पर रेल पास से टिकट लेने में यात्रियों को परेशानी हो रही है। पास नंबर डालने पर कंप्यूटर धीमा हो जाता है जिससे टिकट अटक जाती है। ओपनिंग और तत्काल टिकट के समय यह समस्या और बढ़ जाती है। क्लर्क और यात्रियों के बीच बहस आम बात हो गई है। कई बार मारपीट की नौबत आ जाती है जिससे यात्रियों में आक्रोश है।

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। कभी-कभी किसी को दी जाने वाली सुविधा दूसरे के लिए परेशानी बन जाती है। रेलकर्मियों को मिलने वाले यात्रा पास के संदर्भ में ऐसा ही देखने को मिल रहा है। रेल पास पर सफर करने वाले कर्मियों को आरक्षण काउंटरों से रेल पास पर टिकट लेने में काफी परेशानी हो रही।

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    पास का नंबर देने पर कुछ देर के लिए कंप्यूटर रीड करने लगता है। ऐसे में काफी देर तक टिकट फंसा हुआ रह जाता है, जिससे पीछे लाइन में लगे यात्री की गाड़ी का टिकट फुल होकर वेटिंग में चला जाता है। उसके बाद आरक्षण क्लर्क के साथ रेलकर्मी व आम यात्रियों के बीच हर रोज बहस होती है।

    रेल कर्मियों के पास पर यह समस्या ओपनिंग और तत्काल टिकट कटने के समय होती है। मुजफ्फरपुर जंक्शन के एक नंबर आरक्षण काउंटर पर इसको लेकर जोरदार बहस हुई। कभी-कभी तो मारपीट की भी नौबत हो जाती है।

    टिकट लेने गए एक बैंक कर्मी संतोष कुमार ने बताया कि 12557 सप्तक्रांति एक्सप्रेस के ओपनिंग टिकट लेने के लिए एक नंबर काउंटर पर लाइन में दूसरे नंबर पर खड़े थे। पहला व्यक्ति कोई रेल स्टाफ था। उसका पास पर टिकट लेने में कंप्यूटर फंस गया।

    इसके कारण पिछले लाइन में खड़े यात्रियों को टिकट लेने में देरी होने से परेशानी हुई। एक रेल कर्मी ने बताया कि जब भी रेल कर्मी पास पर टिकट लेने का प्रयास करते हैं, उनका ओपनिंग और तत्काल टिकट फंस जाती है। वहीं कैश पर जल्द टिकट निकल जाता है।

    उन्होंने यह भी कहा कि पास पर टिकट लेने पर कंप्यूटर उक्त पास के नंबर पर पहले उसको पूरा रीड करता है। उसके बाद ही टिकट निकलती है। इसके कारण दूसरे यात्री परेशान होते हैं।

    स्काईवाक का गार्डर नए एफओबी से मिलाया

    मुजफ्फरपुर : समस्तीपुर मंडल में जंक्शन के जाने के बाद नए डीआरएम ज्योति प्रकाश की फटकार के बाद आरकेएस निर्माण कंपनी ने कार्य में तेजी लाई है। इसी क्रम में कंबाइंड टर्मिनल बिल्डिंग (सीटीबी) से निकलने वाले स्काईवाक ब्रिज को जंक्शन के पश्चिम वाले फुटओवर ब्रिज से मंगलवार को जोड़ दिया गया।

    एक महीने से अधिक दिनों से गार्डर चढ़ाया जा रहा था। पहले बात हुई थी कि 10 दिनों में इसे चढ़ा दिया जाएगा, लेकिन इसमें काफी देरी हुई। इस बीच डीआरएम ने निरीक्षण के दौरान रेल भूमि विकास प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों को शीघ्र कार्य करने को कहा था। उसके बाद कार्य में थोड़ी तेजी दिखाई दे रही है। अभी एलिवेटेड रोड वाले ब्रिज का भी गार्डर चढ़ाने का कार्य पूरा नहीं किया जा सका है।

    बाइक स्टैंड के पास पायलिंग कार्य बाकी है। उसे भी अधूरा छोड़ दिया गया है। इससे वह प्रोजेक्ट भी पूरा नहीं हो पा रहा है। स्काईवाक ब्रिज को नए वाले एफओबी से जोड़ने के साथ सीट लगाने का काम शुरू हो गया है।

    कार्य पूरा होने पर यात्रियों के लिए इसे खोल दिया जाएगा। उसके बाद सीटीबी से सीधे जंक्शन के किसी भी प्लेटफार्म पर जाने का रास्ता सुगम हो जाएगा।

    इससे त्योहारों के दौरान यात्रियों की भीड़ नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। छठ के समय तक भीड़ को संभालने के लिए सीटीबी में ही एक होल्डिंग एरिया बनाया जाएगा, इसकी घोषणा रेल प्रशासन पहले कर चुका है।