इस मंदिर में झूठी कसम खाने वाले की हो जाती है मौत
बंदरा प्रखंड अंतर्गत बरियारपुर मोहनपुर के बीच शिवशक्ति धाम में बाबा बुधेश्वरनाथ महादेव मंदिर काफी प्रसिद्ध है। ...और पढ़ें

मुजफ्फरपुर। बंदरा प्रखंड अंतर्गत बरियारपुर मोहनपुर के बीच शिवशक्ति धाम में बाबा बुधेश्वरनाथ महादेव मंदिर काफी प्रसिद्ध है। सावन मास महाशिवरात्रि एवं बसंत पंचमी में यहा लोग काफी दूर दराज से आते हैं। मान्यता है कि यहा पर सच्चे मन से मागी गई हर मुराद पूरी होती है। आज भी यहां अघोरी व किन्नर के प्रवेश पर है पाबंदी
श्मशान में अवस्थित बाबा बुधेश्वरनाथ स्वयं अंकुरित महादेव हैं। सदियों पूर्व 12 वीं सदी में राजा माधव सिंह जो धार नगर (मध्यप्रदेश) में अवस्थित है, उन्हीं के द्वारा इस मंदिर का निर्माण कराया गया। बाबा बुधेश्वर नाथ महादेव के प्रथम पुजारी नाथ बाबा बने जो गोरखनाथ संप्रदाय के थे। मंदिर प्रागण से करीब पाच सौ मीटर दूरी पर उन्होंने सशरीर समाधि ले ली। आज भी उस स्थान पर लोग झूठी कसम से डरते हैं। मान्यता है कि झूठी कसम खाने वाले का देहात हो जाता है। आज भी बरियारपुर ग्राम में अघोड़ी व किन्नर प्रवेश नहीं करते हैं। बाद में यहा धर्मादा कमेटी द्वारा सामाजिक सहयोग से मा पार्वती मंदिर का निर्माण कराया गया। कावरियों का जत्था सुल्तानगंज से जल बोझकर जलाभिषेक करते है
बुधेश्वरनाथ मंदिर बरियारपुर के प्रागण में प्रतिवर्ष सावन माह में कावरियों का जत्था सुल्तानगंज सिमरिया पहलेजा से गंगाजल बोझकर जलाभिषेक करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मन्नत पूरी होने पर सत्यनारायण भगवान का पूजन, मुंडन, उपनयन संस्कार, रुद्राभिषेक एवं विवाह कार्यक्रम यहां आयोजित होते हैं। 31 वषरें से महाशिवरात्रि पर संगीत सम्मेलन होता है जहा कलाकारों की प्रतियोगिता की जाती है। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले कलाकारों को धर्मादा कमेटी के ओर से सम्मानित भी किया जाता है। सरस्वती पूजा, अनंत पूजा समेत विभिन्न अवसरों पर भक्तों द्वारा जलाभिषेक व पूजा-अर्चना की जाती है।
न्यास बोर्ड समिति के अध्यक्ष, विमल कुमार सिंह ने बताया कि न्यास बोर्ड पटना की ओर से बुधेश्वरनाथ महादेव मंदिर को 1967ई. में मान्यता दिया गया था लेकिन आज तक बोर्ड द्वारा मंदिर विकास कार्य में कोई सहयोग राशि नहीं दी जा रही है। पुजारी रामचंद्र गिरि ने बताया कि
-बाबा भोलेनाथ को सच्चे मन से फूल, बेलपत्र, अच्छत, भाग ंव जल जो अर्पित करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आज भी मंदिर के प्रथम पुजारी नाथ बाबा आधी रात्रि मे मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। कई बार उनकी छवि को लोगों ने महसूस किया है।

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