मधुबनी जिले में मधेपुर के रुपौली गांव में महादलित टोले के 17 घर आग में जले, लाखों का नुकसान
Madhubani newsदो छोटे गैस सिलेंडर फटने से भड़की आग फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंचने पर ग्रामीणों के सहयोग से सम्भली स्थिति तीन मवेशियों की मौत आग बुझाने में तीन लोग जख्मी घटना के बाद मौके पर मायूसी की स्थिति बनी।

मधेपुर (मधुबनी), संस। मधेपुर थाना क्षेत्र के करहारा पंचायत अन्तर्गत रुपौली गांव में 17 महादलित परिवारों का घर जलकर रख हो गया हो गया। घटना शनिवार रात लगभग एक बजे कि बताई जाती है। इस अग्निकांड में दस लाख से अधिक रुपये की परिसम्पत्तियों कि जलने का अनुमान है। लगभग डेढ़ घंटा देर से पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी के साथ ग्रामीणों ने चापाकल के पानी से आग पर पाया काबू। इस घटना में अनाज, कपड़ा, साइकिल, बर्तन, गहना, नकद सहित सब कुछ जलकर खाक हो गया। तीन बकरी भी जल मरी।
वहीं, आग बुझाने के क्रम में शीतल पासवान, सिंकदर पासवान तथा जामुन पासवान जख्मी हो गए। पीड़ित परिवार में शीतल पासवान, सिकंदर पासवान, भोला पासवान, शम्भु पासवान, मोती लाल पासवान, तिलक पासवान, राजू पासवान, रोहित पासवान, राम विलास पासवान, रमण पासवान, पवन पासवान, बुचन पासवान, शाहंशाह पासवान, जामुन पासवान, दिनेश पासवान, गणेश पासवान एवं कैलु पासवान शामिल हैं। सूचना मिलते ही घटना स्थल पर सीओ पंकज कुमार सिंह, सीआई राज नारायण राय, मुखिया देव नारायण साहु सहित अन्य लोगों ने पहुंच कर पीड़ितों का हालचाल जाना।
प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवार को पॉलिथीन सीट व सुखा राशन तत्काल दिया जा रहा है। सबसे पहले आग शीतल पासवान के घर में लगने की बात बताई जा रही है। बताया जाता है कि आग लगने के बाद दो छोटे गैस सिलेंडर विस्फोट कर गए जिससे आग अधिक भड़की। रात का समय होने के कारण लोगों के जुटने में भी देर लगी जिससे आग पर काबू पाने में काफी मुश्किलें आई। बाढ़ में फायर ब्रिगेड की गाड़ी आने पर ग्रामीणों के सहयोग से आग पर काबू पाया गया।
महादलित टोला में पसरा मातम, जले आशियाने को निहार रहे पीडि़त
मधेपुर। रुपौली गांव के महादलित टोला के लिए शनिवार की रात कयामत की रात बन गई। दिनभर की थकान से चूर होकर लोग खाना खाकर चैन की नींद सो रहे थे, अचानक आग-आग का हल्ला सुन लोगों की नींद टूटी। जबतक लोग कुछ समझ पाते, अग्नि की तेज ज्वाला धधक चुकी थी। लोगों की नजरों के सामने उनके घर, सामान, मवेशी जल रहे थे। लोग जान बचाने को इधर-उधर भागने लगे। वर्षों से अपने सपनों को संजोकर, पाई-पाई जोड़कर और उसमें परिवार के संग मजदूरी कर बना आशियाना धू-धू कर जल रहा था। लोग अपनी आंखों से इस ²श्य को देख रहे थे और उनका कलेजा फट रहा था। रात में आग लगने के बाद हर तरह बस चीख-पुकार मची हुई थी। किसी तरह फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पाया गयाए लेकिन तब तक 17 परिवारों का आशियाना जलकर खाक हो चुका था।

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