खेत सूखे, नलकूप ठप, आसमान की ओर लगी किसानों की टकटकी
सिंचाई के साधन ध्वस्त किसानों को सता रही सूखे की आशंका। मौसम की बेरुखी से अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। खेतों में नमी नहीं है।
मधुबनी, जेएनएन। पृथ्वी पर जल ही जीवन है यह सर्वविदित है। इसके बिना जन जीवन की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। पानी के बिना सब सूना है। चाहे वो खेती हो, पशुपालक हो, कृषि उत्पादन और जीव जंतु हो सभी की निर्भरता जल पर ही है। प्रतिवर्ष बाढ़ और सुखाड़ की दंश झेल रहे प्रखंड के किसानों को इस वर्ष बेईमान मौसम की मार झेलना पड़ रहा है। इन दिनों किसान सूखे की आशंका से ङ्क्षचतित दिख रहे हैं। जबकि इस समय खरीफ फसल की तैयारी का समय बीत रहा है।
किसान रोहनी नक्षत्र में खरीफ की फसल धोने का काम करते हैं। परंतु अभी तक धान का बिचड़ा डालने की शुरुआत भी नहीं हो सकी है। मौसम की बेरुखी से अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। खेतों में नमी नहीं है। दरारें पड़ गई है। फसलों की बोआई अभी संभव नहीं है। जिससे इलाके के किसान सूखे की आशंका से ङ्क्षचतित दिख रहे हैं। बादल खुब गरज रहा और आंधी से लोगों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है पर बर्षा नहीं हो रही है।
बंद पड़े राजकीय नलकूप व सिंचाई के साधन
कहने के लिए प्रखंड में चार स्टेट बोङ्क्षरग है। परंतु छोटी मोटी खराबी के कारण वर्षों से बंद पड़ा हुआ है। कही बोङ्क्षरग का मशीन खराब है तो कही वर्षों बीत जाने के बाद भी नाले का निर्माण अब तक नहीं हुआ है। कृषि विभाग के अनुसार प्रखंड में मधवापुर, विशनपुर, पिरौखर में चार स्टेट बोङ्क्षरग है। जो तकनीकी खराबी के कारण वर्षों से बंद है। एक ओर सरकार किसानों की आमदनी दोगुना करने के लिए पैसा पानी की तरह बहा रही है वहीं ङ्क्षसचाई के साधन उपलब्ध नहीं कराने किसानों की खेती मारी जा रही है। किसानों की खेती भगवान भरोसे है।
सूख रही ताल तलैया और नहरें
प्रखंड होकर गुजरने वाली धौस, यमुनी, मरहा एवं रातों नदी की बहने वाली धारा सुख रही है। वहीं तालाब व कुएं भी सूख रही है। इतना ही नहीं किसानों के ङ्क्षसचाई के लिए उपलब्ध कराई गई कोसी, कमला नहरें भी सुखी हुई है। जल संसाधन विभाग आज तक इन नहरों में एक बूंद पानी नहीं छोड़ सका है। किसान आखिर कैसे अपने खेतों को पानी पहुंचाए। सभी जल स्रोत सूख गई है। इस भीषण गर्मी में पानी के हा हाकार मचा हुआ है।
किसानों को सता रहा सूखे की आशंका
बेईमान मौसम की मार से किसान इन दिनों सूखे की आशंका से ङ्क्षचतित दिख रहे हैं। मधवापुर के किसान रमण कुमार झा, बलराम कुमार झा, बिहारी गांव के किसान नसीब झा, लक्षणदेव मंडल, सुखदेव साह, वासुकी के किसान रामनरेश चौधरी, दुर्गापट्टी के अरूण कुमार झा, रामदेव यादव, संजय यादव सहित कई किसानों ने बताया कि बर्षा नहीं होने के कारण खेतों में नमी बिलकुल नहीं रहने से खरीफ फसल की तैयारी नहीं हो रही है।
सिंचाई के साधन और नदी नाले सूख जाने से किसान सूखे की आशंका से ङ्क्षचतित हैं। अगर बर्षा नहीं हुई तो किसानों की खेती बर्बाद हो जाएगा। इलाके के किसान भुखमरी के शिकार हो रहे हैं। सरकारी घोषणाएं कागज पर सिमट कर रह गई है। किसी भी ²ष्टि से सरकार किसानों का भला नहीं चाहती है।
क्या कहते कृषि पदाधिकारी
प्रखंड कृषि पदाधिकारी शिवनाथ झा ने बताया कि स्थिति की समीक्षा की जा रही है। और सरकार को वस्तु स्थिति की जानकारी दी जा रही है। विभागीय दिशा निर्देश के अनुसार कार्य किया जाएगा।
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