बाजार पर चढ़ने लगा होली का रंग
जैसे-जैसे दिन करीब आ रहा है, होली का रंग बाजार पर चढ़ने लगा है। ...और पढ़ें

मुजफ्फरपुर। जैसे-जैसे दिन करीब आ रहा है, होली का रंग बाजार पर चढ़ने लगा है। रंग-अबीर के साथ पिचकारियों और मुखौटों से बाजार सज गए हैं। बाजार में रंग-अबीर व पिचकारी के साथ-साथ आकर्षक मुखौटे भी दिखाई पड़ रहे हैं। इस बार बाजार में यमराज, राक्षस, डेरेमन आदि के मुखौटे उपलब्ध हैं। साथ ही, राजस्थानी मोदी टोपी भी मिल रही है। सामान्य पिचकारी के साथ-साथ कई प्रकार की डिजाइनवाली पिचकारियां भी उपलब्ध हैं। मैट्रिक परीक्षा के बावजूद बच्चे होली को लेकर काफी उत्साहित हैं। वे अपने-अपने तरीके से होली की तैयारी कर रहे हैं। छाता बाजार स्थित पिचकारी विक्रेता इरशाद ने बताया कि अबकी बार बच्चों व युवाओं को लुभाने वाली पिचकारी और सुंदर-सुंदर टोपिया आई हैं। ड्रैगन मुखौटा, डेरेमन मुखौटा, डेरेमन टैंक, एसएलआर गन, चक्री गन व गैलन गन की विशेष डिमांड है। बाजार में केमिकल रंग के साथ-साथ फूलों की पंखुड़ियों से बने रंग की भी माग है। अरारोट युक्त सुगंधित अबीर-गुलाल भी मिल रहा है। बाजार में पैकेट के अनुसार इसकी कीमत रखी गई है।
सामग्री कीमत
ड्रैगन टोपी 90-150
कलर स्प्रे 20-60
कलर फॉग स्प्रे 20-100
पेंट स्प्रे 20-100
यमराज मुखौटा 30-180
मोदी टोपी 50
राक्षस मुखौटा 100-200
ड्रैगन मुखौटा 100-200
डेरेमन मुखौटा 5-40
डेरेमन टैंक 150-500
एसएलआर गन 40-400
चक्री गन 100-300
गैलन गन 100-400
फॉग स्टीक 100-200
होली मनेगी 13 को
मुजफ्फरपुर। रंगों का त्योहार होली दो दिन मनाया जाता है। एक दिन होलिका दहन के रूप में और अगले दिन धुलंडी के रूप में। पंडितों के मुताबिक, इस साल होलिका दहन 12 मार्च और अगले दिन 13 मार्च को लोग रंगों के इस त्योहार का आनंद लेंगे। सदर अस्पताल स्थित मां सिद्धेश्वरी दुर्गा मंदिर के पुजारी पं. देवचंद्र झा बताते हैं कि पहले दिन सूरज ढलने के बाद होलिका दहन किया जाता है। इस दिन महिलाएं एक लोटा जल, चावल, धूपबत्ती, फूल, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, बताशे, गुलाल और नारियल से होलिका का पूजन करती हैं। वे होलिका के चारों ओर कच्चे सूत को सात बार परिक्रमा करते हुए लपेटती हैं। फिर लोटे का शुद्ध पानी और अन्य पूजन सामग्री एक-एक कर होलिका की पवित्र अग्नि में डालती हैं। होलिका दहन के अगले दिन लोग होली खेलते हैं।

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