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    GST News : 2500 से अधिक मूल्य के कपड़ों पर टैक्स 12 से बढ़कर हुआ 18%, सामने आई चैंबर आफ कामर्स की प्रतिक्रिया

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 03:19 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद त्योहारों के सीजन में आम लोगों को फायदा होगा। कई वस्तुओं पर टैक्स की दरें कम की गई हैं जिससे व्यापारियों और नागरिकों दोनों को राहत मिलेगी। कैंसर की दवाओं और जीवन रक्षक दवाओं को शून्य टैक्स के दायरे में रखा गया है जिससे आम जनता को लाभ होगा। व्यापारियों ने इस फैसले का स्वागत किया है।

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में पांच और 18 प्रतिशत के दो टैक्स स्लैब को मंजूरी मिलने के बाद 22 सितंबर से लोगों को इसका फायदा मिलने लगेगा। 22 सितंबर को कलश स्थापन के साथ माता दुर्गा की उपासना शारदीय नवरात्र भी शुरू हो जाएगी।

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    उस दिन से त्योहारी सीजन प्रारंभ हो जाएगा। इसमें कपड़े से लेकर फल सहित अन्य सभी प्रकार की खरीदारी शुरू हो जाएगी। इस त्योहारी समय लोगों के लिए बल्ले-बल्ले रहेगा। इसको लेकर गुरुवार को चैंबर आफ कामर्स सभागार में कारोबारियों एवं व्यवसायियों की एक बैठक हुई।

    उसमें शहर के कई चाटर्ड अकाउंटेड भी शामिल हुए। चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष श्याम सुंदर भीमसेरिया ने कहा कि यह दो स्लैब स्वागत योग्य है।

    इससे व्यापारियों के साथ आम नागरिकों को काफी फायदा होगा। हालांकि 2500 से अधिक मूल्य के कपड़ों पर टैक्स 12 से बढ़ाकर 18% करने पर कहा गया कि इससे मध्यमवर्ग को परेशानी हो सकती है।

    उन्होंने परिषद की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री को इसके लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक हजार से लेकर 2500 तक के सामान पर मात्र पांच प्रतिशत ही ट्रैक देय है।

    फूड सेक्टर में पांच एवं 18 प्रतिशत से घटाकर शून्य एवं अनेको खाद्य पदार्थों को 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत किया गया है। कैंसर की 33 दवाओं, दुर्लभ बीमारियों की दवाओं एवं जीवन रक्षक दवाओं को शून्य के दायरे में रखा गया है। इससे आम जन और किसानों को काफी फायदा होगा।

    किसानों के हित में कृषि क्षेत्र एवं खाद को 18 से 5 प्रतिशत किए जाने से राहत मिलेगी एवं इससे कृषि उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव पडे़गा। कोयले पर सेस हटाकर उसे जीएसटी के पांच प्रतिशत से वृद्धि कर 18 प्रतिशत के दायरे में लाया गया है जिसका बहुत अधिक प्रभाव उद्योग एवं विद्युत उत्पादन क्षेत्र में तो नहीं पड़ेगा, परन्तु कोयला मंहगा हो जाएगा।

    गैर परम्परागत उर्जा को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का परिषद स्वागत करती है। टेक्सटाईल सेक्टर को 12 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत में लाना राहत भरी कदम है। पेन्सिल, नोटबुक, रबर, इरेजर जैसी चीजों को जीएसटी से मुक्त रखा गया है।

    उपभोक्ताओं की इलेक्ट्रानिक सामग्रियों को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किया गया है तथा बच्चों के खिलौने एवं स्पोर्ट्स गुड्स को 12 से 5 प्रतिशत किया गया। हैंडीक्राफ्ट, लेदर, वूड, डिफेंस तथा फुटवेयर सेक्टर को भी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है।

    विलासिता की वस्तुओं पर 40 प्रतिशत जीएसटी की नई दर लागू की गई है। आम लोगों के साथ छोटे एवं मध्यमवर्ग, व्यवसायियों एवं उद्यमियों को राहत मिलेगी एवं देश की अर्थ व्यवस्था को गति मिलेगी।

    बैठक में परिषद के अध्यक्षा श्याम सुन्दर भीमसेरिया, महामंत्री प्रनोद जाजोदिया, कोषाध्यक्ष अंकित हिसारिया, सज्जन शर्मा, बिनोद केजड़ीवाल, शिवरतन ढढ़ारिया, अम्बिका ढंढ़ारिया, संजय पोद्दार, राजीव केजड़ीवाल, भरत अग्रवाल, अशोक नेमानी, निकेत नाथानी, अरूण कुमार, निशांत केजड़ीवाल, श्रवण छापड़िया एवं परिषद के पदाधिकारीगण तथा सदस्य लोग उपस्थित रहे।

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