Muzaffarpur News: जिले में गंभीर पेयजल संकट की स्थिति, कटरा, सकरा और औराई में भू-जल का होगा सर्वे
Muzaffarpur News जिले के सकरा औराई और कटरा प्रखंडों में गिरते भू-जल स्तर को लेकर केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री चिंतित हैं। उन्होंने इन क्षेत्रों में भू-जल सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया है ताकि कारणों का पता लगाया जा सके। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने और नल जल योजना के तहत सोख्ता निर्माण कराने के भी निर्देश दिए गए हैं। इस वर्ष 25-30 फीट तक गिरावट दर्ज की गई है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News: जिले के कई प्रखंडों में गिरती हुई भू-जल स्तर के कारण शासन प्रशासन चिंतित है। हाल के तीन वर्षों में यह समस्या तेजी से सामने आई है और अब लोगों का जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
गर्मी की धमक शुरू होते हुए शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भू-जल स्तर में गिरावट शुरू हो जाती है। इधर एक माह से यह समस्या अधिक जटिल हो गई है। खासकर सकरा, औराई और कटरा प्रखंड के लोग पेयजल आपूर्ति के लिए तरस रहे हैं।
इसपर केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री डा. राजभूषण चौधरी ने संज्ञान लिया है। उन्होंने उक्त प्रखंडों में भू-जल सर्वे कराने का निर्देश प्रशासनिक पदाधिकारियों को दिया है। ताकि भू-जल स्तर में गिरावट के कारणों का पता लगाया जा सके। इसके लिए जिला प्रशासन के स्तर से जल संसाधन विभाग समेत अन्य विभागों के एक्सपर्ट की टीम बनाकर तीनों प्रखंड में सर्वे कराने की कवायद की जा रही है।
मंत्री ने कहा कि सर्वे के बाद इसकी रिपोर्ट भी सौंपने को कहा है। साथ ही तत्काल उन इलाकों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से भू-जल स्तर को बनाए रखने का निर्देश दिया है। इसके लिए सार्वजनिक भवन हो, नाला के बगल में सोख्ता निर्माण हो, जल जीवन हरियाली से पोखरों का जीर्णोद्धार समेत अन्य सभी प्रकार के आवश्यक कदम उठाने को कहा है। ताकि इन प्रखंडों में जलस्तर में तेजी से हो रही गिरावट को रोका जा सके।
नल के बगल में बनाए सोख्ता
केंद्रीय मंत्री ने डीएम को कहा कि जहां भी नल जल योजना का क्रियान्वयन हो रहा है। वहां पर लगाए गए नल के बगल में सोख्ता का निर्माण कराएं। ताकि नल से जो पानी बहकर बर्बाद होता है, वह सोख्ता में गिरे। इससे जल की बर्बादी तो रूकेगी ही साथ में भू-जल स्तर की गिरावट को भी बचाया जा सकेगा। इसे लेकर पीएचईडी के कार्यपालक अभियंताओं को निर्देशित किया गया है। ताकि शीघ्र सोख्ता का निर्माण कराया जा सके।
25-30 फीट की आई है गिरावट
इस वर्ष मई से ही शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भू-जल स्तर गिरने लगा था। जून और जुलाई में आधा माह तक बारिश नहीं होने के कारण पेयजल संकट गहराने लगा। सकरा, औराई और कटरा में करीब 25-30 फीट तक भू-जल स्तर में गिरावट दर्ज की गई।
इन इलाकों में पहली बार ऐसा हुआ कि टैंकर से पेयजल आपूर्ति की गई। जबकि कटरा और औराई का क्षेत्र बाढ़ प्रभावित रहा है और जून से इन इलाकों में इसका प्रभाव दिखने लगता है, लेकिन इस बार स्थिति इसके ठीक उलट है। इसलिए अब शासन प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है।
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