Muzaffarpur : सरकारी व निजी स्कूल सुबह 10 से दोपहर साढ़े तीन बजे होंगे संचालित
मुजफ्फरपुर में ठंड के कारण जिलाधिकारी ने स्कूलों के समय में बदलाव किया है। अब जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालय सुबह 10 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक ही ...और पढ़ें

इसमें प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर । जिले में पड़ रही अत्यधिक ठंड व न्यूनतम तापमान में गिरावट से बच्चों के स्वास्थ्य एवं जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका को देखते हुए जिलाधिकारी ने एहतियातन शैक्षणिक संस्थानों के खुलने व बंद होने के समय में बदलाव का आदेश दिया है।
डीएम सुब्रत कुमार सेन ने जिले के सभी सरकारी व निजी विद्यालयों (प्री-स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्रों सहित) के संचालन समय में अस्थायी परिवर्तन का आदेश दिया है। जिले के सभी विद्यालयों में किसी भी कक्षा की शैक्षणिक गतिविधियां 10 बजे से पहले व दोपहर 3:30 बजे के बाद संचालित नहीं की जाएंगी।
ये प्रतिबंध बच्चों को अत्यधिक ठंड से होने वाली संभावित स्वास्थ्य समस्याओं से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से लगाया गया है। विद्यालय प्रबंधन संस्थानों में इस आदेश के अनुरूप शैक्षणिक गतिविधियों का निर्धारण करेंगे।
हालांकि, प्री-बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए संचालित वाली विशेष कक्षाएं व परीक्षाएं इस आदेश से मुक्त रहेंगी ताकि छात्रों की शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित न हो। यह भी निर्देशित किया है कि वे बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य व सुविधा का विशेष ध्यान रखें तथा ठंड से बचाव के लिए आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करें।
यह आदेश 22 से 25 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा। इसका उल्लंघन करने वाले विद्यालयों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई होगी। डीएम ने अभिभावकों से भी अपील की कि वे बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें, उन्हें पर्याप्त गर्म कपड़े पहनाकर ही विद्यालय भेजें।
मैट्रिक व इंटर परीक्षा की तैयारी की समीक्षा 24 को
मुजफ्फरपुर: जिला शिक्षा पदाधिकारी मैट्रिक व इंटर परीक्षा की तैयारी की समीक्षा 24 दिसंबर को करेंगे। केंद्राधीक्षकों की बैठक चैपमैन बालिका उच्च विद्यालय में होगी। मैट्रिक और इंटर परीक्षा के लिए प्रतिनियुक्त सभी केंद्राधीक्षकों को अपने केंद्रों से संबंधित ब्योरा लाने का निर्देश दिया गया है।
डीईओ कुमार अरविन्द सिन्हा ने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति इंटर-मैट्रिक परीक्षा के केंद्र उपस्कर व अन्य समस्याएं की सूची अपने साथ लाना है। केंद्राधीक्षकों को परीक्षार्थियों की संख्या के अनुपात में केंद्र पर कुल कमरों की संख्या, उपलब्ध बेंच डेस्क की संख्या, अतिरिक्त आवश्यक बेंच डेस्क की संख्या, मूलभूत सुविधा पेयजल, शौचालय, बिजली, चारदीवारी की स्थिति, आवासन और कमरों के अनुरूप वीक्षकों की संख्या भी देनी है।

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