बिहार के लिए खुशखबरी, पश्चिम चंपारण होकर गुजरेगा सिलीगुड़ी गोरखपुर एक्सप्रेस हाइवें
West Champaran News 235 करोड़ रुपये की लागत से बनेगी सड़क। 20 जुलाई के बाद पथ निर्माण मंत्री नीतिन नवीन करेंगे शिलान्यास। 66 फिट चौड़ी होगी सड़क। प्रदेश के हर जिले में एक जगह होगा एंट्री प्वाईंट।

बेतिया (पचं), जासं। बेतिया-नरकटियागंज सड़क चौड़ीकरण की स्वीकृति मिल गयी है। पथ निर्माण मंत्री नीतिन नवीन 20 जुलाई के बाद इसका शिलान्यास करेंगे। सड़क की चैडाई 66 फिट होगी। रास्ते के गांवों में सड़क किनारे नाला का भी निर्माण होगा। पश्चिमी चंपारण के सांसद सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने गुरूवार को अपने आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी। बताया कि बेतिया बगहा राष्ट्रीय राजमार्ग की तरह ही बेतिया नरकटियागंज सड़क का निर्माण होगा। इस सड़क के निर्माण हो जाने के बाद चनपटिया के औद्योगिक हब बनाने की सोच को बल मिलेगा। चनपटिया का भी विकास होगा। मौके पर चनपटिया विधायक उमाकांत सिंह, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेंद्र मिश्र, जिलाध्यक्ष दीपेंद्र सर्राफ, युवा भाजपा नेता विजय चौधरी आदि मौजूद रहे।
जिले से गुजरेगा एक्सप्रेस हाइवे
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि सिलीगुड़ी-गोरखपुर एक्सप्रेस हाइवे का विवाद समाप्त हो गया है। अब यह एक्सप्रेस हाइवें जिले के शिवराजपुर, जगदीशपुर, हरसिद्धि होते हुए बंजरिया बनकटवा प्रखंड क्षेत्र होते हुए जाएगा। इस एक्सप्रेस हाइवें के बनने के बाद बेतिया से गोरखपुर जाने में मात्र 1.30 घंटा समय लगेगा। कुशीनगर महत 50 मीनट में पहुंचा जा सकेगा। इस एक्सप्रेस हाइवे के निर्माण से पूर्वाेतर बिहार नई तरक्की के राह पर अग्रसर होगा।
एक्सप्रेस हाइवे में प्रत्येक जिले में एक जगह होगा एंट्री प्वाईंट
एक्सप्रेस हाइवे की विशेषता है कि प्रायः प्रत्येक जिले में मात्र एक ही जगह एंट्री प्वाईंट होगा। एक्सप्रेस हाईवें से सफर करनेवाले लोग इसी एंट्री प्वाईंट से हाईवें पर आयेंगे और यहीं से हाइवे छोड़ सकेंगे। जिले में जगदीशपुर में एंट्री प्वाईंट बनाया जाएगा।
त्रिवेणी नहर पर बना डायवर्सन टूटा
गौनाहा। प्रधानमंत्री ग्रामीण योजना अंतर्गत शेरवा भुस्की चौक के पास त्रिवेणी नहर पर बना डायवर्सन टूट गया है। इससे दो दर्जन गांवों की करीब 40 हजार की आबादी प्रभावित है। चार पहिया वाहनों का आवागमन बंद है। उसके बगल में करीब डेढ़ माह से पुल का निर्माण हो रहा है। लोगों का कहना है कि नहर में डायवर्सन के दोनों तरफ पानी है। टूटे हुए हिस्से पर लोहे का गार्डर रखकर उसे पैदल चलने के लायक बनाया गया है। उसपर मुश्किल से दुपहिया वाहन ही आ जा सकेंगे। जरा सी चूक हुई तो नहर में डूबने से जान भी जा सकती है। डायवर्सन का अधिकांश हिस्सा उबड़ खाबड़ है।
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