Bihar Flood: गंडक ने बढ़ाई टेंशन तो बागमती ने दी राहत, देखें बिहार की प्रमुख नदियों का जलस्तर
मुजफ्फरपुर में गंडक नदी का जलस्तर बढ़ रहा है हालांकि खतरे के निशान से नीचे है। जल संसाधन विभाग अलर्ट पर है। बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर नीचे है क्योंकि नेपाल में बारिश कम हुई है। बूढ़ी गंडक का जलस्तर स्थिर है। 1987 में बूढ़ी गंडक में उच्च जलस्तर दर्ज किया गया था। नदियों के जलस्तर की निगरानी जारी है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हालांकि यह फिलहाल खतरे के निशान से करीब दो मीटर नीचे है, लेकिन जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए जल संसाधन विभाग अलर्ट मोड में है। तटबंधों की सुरक्षा और निगरानी के लिए इंजीनियरों की टीम तैनात की गई है, ताकि तटबंधों की सुरक्षा की जा सके।
जल संसाधन विभाग की ओर से आपदा प्रबंधन विभाग को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है। इसके अनुसार बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब दो मीटर नीचे है। नेपाल में कम बारिश होने के कारण बागमती के जलस्तर में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। जबकि सिकंदरपुर बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर स्थिर है।
करीब एक सप्ताह पहले जलस्तर में मामूली वृद्धि हुई थी, लेकिन बारिश नहीं होने के कारण जलस्तर में कमी के साथ फिलहाल यह पूरी तरह स्थिर है। जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार बागमती के जलस्तर में गिरावट, बूढ़ी गंडक स्थिर और गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है।
बूढ़ी गंडक नदी में 1987 में दर्ज हुआ था उच्च जलस्तर
रिपोर्ट के अनुसार सिकंदरपुर स्थित बूढ़ी गंडक नदी में वर्ष 1987 में उच्च जलस्तर दर्ज किया गया था। उस समय जलस्तर में 54.29 मीटर की वृद्धि हुई थी। यह खतरे के निशान से एक मीटर से थोड़ा कम था। इसी तरह बागमती में वर्ष 2024 में सर्वाधिक जलस्तर 58.34 मीटर दर्ज किया गया था। यह खतरे के निशान से करीब साढ़े तीन मीटर अधिक था। जबकि रेवाघाट गंडक नदी का जलस्तर वर्ष 2020 में 55.46 दर्ज किया गया था। यह खतरे के निशान से करीब एक मीटर अधिक था।
तीन प्रमुख नदियों का जलस्तर
नदी | खतरे का निशान | जलस्तर (मीटर) |
---|---|---|
बूढ़ी गंडक | 52.53 | 45.38 |
बागमती | 55.00 | 53.02 |
गंडक | 54.41 | 52.32 |
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