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    आरडीएस कालेज के 73वें स्थापना दिवस पर समारोह

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 20 Jul 2021 05:27 AM (IST)

    रामदयालु सिंह कालेज के 73 वें स्थापना दिवस पर सोमवार को समारोह का आयोजन किया गया।

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    आरडीएस कालेज के 73वें स्थापना दिवस पर समारोह

    मुजफ्फरपुर : रामदयालु सिंह कालेज के 73 वें स्थापना दिवस पर सोमवार को समारोह का आयोजन किया गया। मौके पर प्राचार्य समेत सभी शिक्षकों और कर्मचारियों ने कालेज परिसर स्थित रामदयालु सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। प्राचार्य डा.अमिता शर्मा ने कहा कि रामदयालु बाबू ईमानदारी और त्याग के प्रतीक थे। उनकी कर्तव्यनिष्ठा, सहजता और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान को कभी भूला नहीं जा सकता। रामदयालु बाबू बिहार विधान सभा के प्रथम अध्यक्ष और स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका मानना था कि शिक्षा के बगैर समाज का विकास संभव नहीं है। उनकी उम्मीदों को पूरा करने के लिए ही 1948 में आरडीएस कालेज की स्थापना की गई थी। उन्होंने अपने मित्र महंत दर्शन दास को उच्च शिक्षण संस्थान खोलने के लिए प्रेरित किया था। इस महाविद्यालय का उद्घाटन 19 जुलाई 1948 को हुआ था। उद्घाटन के समय पटना विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति सर सीपीएन सिन्हा, बिहार के मुख्यमंत्री बाबू श्रीकृष्ण सिंह और उनके मंत्रिमंडल के नौ सदस्यों में से आठ उपस्थित हुए थे। रामदयालु बाबू के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विचार व्यक्त करने वालों में प्रो.नीलम कुमारी, डा.रंजना कुमारी, डा.रामकुमार, डा.मकबूल हुसैन, डा.अनीता घोष, डा.आलोक प्रताप सिंह, डा.अनीता सिंह, डा.नीलिमा झा, डा.संजय सुमन, डा.एम एन रिजवी, डा.रजनीश कुमार गुप्ता, डा.रमेश प्रसाद गुप्ता, डा.इंदिरा कुमारी, डा.एल के साह, मो. हसन रजा, डा.श्रुति मिश्रा, डा.तूलिका सिंह, डा.आनंद प्रकाश दूबे, डा.संजय कुमार, डा.सत्येंद्र प्रसाद सिंह समेत छात्र-छात्राएं व कर्मचारी मौजूद थे।

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    नई शिक्षा नीति पर विमर्श

    सदातपुर स्थित भारती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में सोमवार को विद्या भारती बिहार की ओर से दूसरे दिन कोरोना के कारण शिक्षा व्यवस्था पर हुए प्रभाव पर विमर्श किया गया। उद्घाटन विद्या भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री काशीपति ने किया। सत्र की शुरुआत में रामअवतार नरसरिया ने कोरोना के कारण उत्पन्न परिस्थिति में आगामी सत्र में विद्यालयों की स्थिति सुदृढ़ करने के लिए हो रहे प्रयासों पर चर्चा की। क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्यालीराम ने बिहार ने भौगोलिक व सामाजिक दृष्टि से 2024 तक शिक्षण योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

    गोविंद चंद्र मोहंती ने मूल्य संवर्धन, संस्कार कौशल, विकास क्षमता, सामाजिक दृष्टि आदि पर अपनी बात रखी। काशीपति ने पालीथीन मुक्त विद्यालय परिसर, जल एवं ऊर्जा संरक्षण, कचरा प्रबंधन, कुटुंब प्रबोधन, संस्कार केंद्र, समरसता एवं सद्भाव वाले शिक्षण कार्य की सामाजिक परिस्थितियों का अध्ययन एवं संस्कृति संवर्धन पर विस्तार से चर्चा की। भारती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डा.दीपाशु भास्कर समेत अन्य ने कार्यक्रम को संबोधित किया।