मुजफ्फरपुर में एक डाक्टर के नाम पर चल रहे चार-चार अल्ट्रासाउंड सेंटर
Muzaffarpur news जिसके नाम पर अल्टासाउंड सेंटर का निबंधन निरीक्षण में वहीं चिकित्सक मिले गायब। एक चिकित्सक के नाम पर चार-चार केंद्रों का संचालन केवल 55 सेंटर दे रहे हर माह रिपोर्ट। सीएस कार्यालय ने लगभग दो सौ को भेजा नोटिस।

मुजफ्फरपुर, जासं। जिले में अल्ट्रासाउंड सेंटर कम लिंग जांच की दुकानें अधिक चल रही हैं। दुकान इसलिए कि एक नाम पर चार बोर्ड व चिकित्सक का नाम लिखा तो होता है, मगर उनका पता नहीं रहता। यहां तकनीशियन ही जांच कर रिपोर्ट थमा देते हैं। विभाग के आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहे। ये सेंटर लिंग जांच की नियमित रिपोर्ट नहीं देते। ऐसे लगभग दो सौ सेंटर शक के घेरे में आ गए हैं। स्वास्थ्य विभाग में 252 लोगों ने अल्ट्रासाउंड सेंटर का निबंधन कराया, लेकिन हर माह 55 लोग ही रिपोर्ट दे रहे हैं। सिविल सर्जन कार्यालय की ओर से लगभग दो सौ को नोटिस दिया गया है।
प्रभारी की रिपोर्ट आने पर होगी आगे की कार्रवाई
आमलोगों की शिकायत पर तीन सेेंटर की जांच कराई गई तो वहां पर हालत बदतर मिले। बैंक रोड में एक नाम से तीन सेंटर चल रहा है। वहां पर तकनीशियन के सहारे सारी जांच होती है। औराई में चार अल्ट्रासाउंड सेंटर की शिकायत मिली है। इसकी जांच चल रही है। इसमें जगदंबा, सुधांशु एवं अदिषा, भवानी अल्ट्रासाउंड व गणपति अल्ट्रासाउंड का नाम आया है। पीएचसी प्रभारी से जांच कर रिपोर्ट मांगी गई है। सीएस कार्यालय में जो निबंधन पंजी है उसमें इनके नाम नहीं हैं। सीएस डा.यूसी शर्मा ने बताया कि प्रभारी की रिपोर्ट आने के बाद अगला कदम उठाया जाएगा।
जीरोमाइल में काफी दिनों से बंद है सेंटर
इधर, जिला मुख्यालय में जांच पदाधिकारी डा. सीएस प्रसाद व डा. हसीब असगर की ओर से जांच की गई तो कई अनियमितता सामने आई। रिपोर्ट के अनुसार जूरन छपरा में आर्य अल्ट्रासाउंड के लिए अधिकृत चिकित्सक उपस्थित नहीं थे। अल्ट्रासाउंड के व्यवस्थापक उपस्थित थे। उनके द्वारा लिखित रूप से बयान दिया गया है कि भ्रूण के लिंग की जांच कभी नहीं की जाती है। बैंक रोड के ओम अल्ट्रासाउंड के निरीक्षण में भी अधिकृत चिकित्सक मौजूद नहीं थे। लक्ष्मी अल्ट्रासाउंड जीरोमाइल में ताला बंद पाया गया। इस कारण इस केंद्र की जांच नहीं की जा सकी। आसपास के दुकानदारों ने जांच दल को बताया गया कि यह सेंटर काफी दिनों से बंद है।
सिविल सर्जन ने बताया कि यह रिपोर्ट मानवाधिकार आयोग को भेज दी गई है। बताया कि प्रधान सहायक सुबोध कुमार को हर माह सभी सेंटर की रिपोर्ट लेने तथा नए के आवेदन की जांच कराने की जवाबदेही दी गई है। हर माह दो चिकित्सक डा.सीएस प्रसाद व डा. हसीब असगर नियमित जांच करते रहते हैं।
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