Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मधुबनी में देश के सबसे लंबे पुल की रखी गई नींव, 13.2 किमी लंबा पुलिस का कई एनएच का होगा जुड़ाव

    By Murari KumarEdited By:
    Updated: Sat, 04 Jul 2020 07:45 AM (IST)

    13.2 किमी लंबे पुल के बनने से मधुबनी सुपौल व सहरसा के लोगों की राह होगी आसान। मधेपुर प्रखंड के भेजा में किया भूमि पूजन इलाके में खुशी का माहौल।

    मधुबनी में देश के सबसे लंबे पुल की रखी गई नींव, 13.2 किमी लंबा पुलिस का कई एनएच का होगा जुड़ाव

    मधुबनी, जेएनएन। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत प्रखंड क्षेत्र के भेजा में गुरुवार को कोसी नदी पर बनने वाले देश के सबसे लंबे सड़क पुल के पहले पाये की नींव रखी गई। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एएन ङ्क्षसह, प्रोजेक्ट मैनेजर रेड्डी नागेश्वर राव और मुरली कृष्णा ने संयुक्त रूप से भूमि पूजन किया। इससे लोगों में खुशी है। पुल बनने के बाद मधुबनी जिले से सहरसा, सुपौल जाने की राह आसान हो जाएगी। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पांच वर्ष में पूरा होगा निर्माण कार्य 

    एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एएन ङ्क्षसह ने बताया कि पुल को अगले पांच साल में पूर्ण करने का लक्ष्य है। इसे गैमन इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड व ट्रांसरेल लाइङ्क्षटग लिमिटेड द्वार बनाया जाएगा। इसका निर्माण मधुबनी जिले के भेजा से सुपौल जिले के बकौर तक होना है। इसकी लंबाई 13.2 किलोमीटर है। इसमें कुल 171 पिलर होंगे। 10.27 किमी लंबे इस दोलेन पुल की लागत 984 करोड़ है। इस पुल में मधुबनी के भेजा छोर पर 1.1 किमी व सुपौल के बकौर छोर पर 2.1 किलोमीटर एप्रोच पथ होगा।

     इससे एप्रोच रोड समेत करीब 13.3 किमी लंबे इस पुल की लागत 1284 करोड़ हो जाएगी। इसमें दो अंडरपास होंगे। 50 मीटर लंबाई वाले 50 स्पैन होंगे। टू लेन सड़क की चौड़ाई 11 मीटर व दोनों तरफ 1.5-1.5 मीटर के फुटपाथ होंगे। देश में अभी सबसे लंबा 9.28 किमी पुल असोम के गुवाहाटी में ब्रह्मïपुत्र नदी पर है। इस पुल से मिथिलांचल के प्रमुख धार्मिक स्थलों को जोडऩे की योजना है। मधुबनी की प्रसिद्ध उच्चैठ भगवती व सहरसा में महिषि तारास्थान का जुड़ाव सीधे होगा। 

    कई एनएच का होगा जुड़ाव 

    मधुबनी जिले के हरलाखी प्रखंड के उमगांव से सोपट्टी-बेनीपट्टी-रहिका-मधुबनी-रामपट्टी-अवाम-लौफा-भेजा-सुपौल-महिषी-सहरसा के बीच 160 किमी एनएच की मंजूरी हो चुकी है। नया एनएच 227जे और 227 एल होगा। जो मौजूदा एनएच 527-ए से दरभंगा-जयनगर, 327-ई सुपौल-सहरसा और एनएच-107 महेशखूंट-सहरसा-मधेपुरा-पूर्णिया से जुड़ेगा। पांच पैकेज में बनने वाली कुल 2582 करोड़ की परियोजना में यह पुल भी शामिल है। 

    सामरिक दृष्टिकोण से अहम 

    उमगांव से महिषी के बीच बन रही फोरलेन सड़क के अलाइनमेंट में यह पुल है। यह पुल सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के साथ उतत्र-पूर्व के राज्यों को जुडऩे में यह कारगर होगा। इसके बनने के बाद आसान होगा।