कैदी से मारपीट का मामला: कोर्ट में पेश हुए पूर्व सांसद आनंद मोहन, मगर दर्ज नहीं हो सका बयान; ये रही वजह
Anand Mohan Case कैदी से मारपीट के मामले में गुरुवार को पूर्व सांसद आनंद मोहन की कोर्ट में पेशी हुई है। वह न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) अजीत कुमार के कोर्ट में पेश हुए। हालांकि आनंद मोहन के बयान दर्ज नहीं हो सके। अभियोजन पक्ष की ओर से कोई गवाह पेश नहीं करने पर कोर्ट ने गवाही की प्रक्रिया बंद कर दी थी।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Former MP Anand Mohan शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में कैदी अशोक कुमार मिश्र के साथ 27 साल पहले मारपीट के मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) अजीत कुमार के कोर्ट में पेश हुए। हालांकि कोर्ट में उनका बयान दर्ज नहीं हो सका। शुक्रवार को भी सुनवाई होगी।
विदित हो कि समस्तीपुर जिले के ताजपुर निवासी अशोक कुमार मिश्र ने दस अप्रैल 1996 को मिठनपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें पूर्व सांसद आनंद मोहन, पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला, रामू ठाकुर, बबलू श्रीवास्तव व एक अज्ञात कैदी को आरोपित बनाया गया था। सभी आरोपित जेल में दबंगई करते हैं। इसका विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गई।
1997 में दर्ज हुई थी चार्जशीट
मामले की जांच के बाद पुलिस ने 11 अप्रैल 1997 को सभी के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। इसमें आरोपित रामू ठाकुर व बबलू श्रीवास्तव की मौत हो चुकी है। वहीं, इससे पहले मामले के विचारण के बाद कोर्ट ने पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला को बरी कर दिया।
फिलहाल इस मामले का न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी नंदनी के अवकाश पर रहने के कारण उनके कोर्ट के प्रभारी न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) अजीत कुमार के कोर्ट में विचारण चल रहा है। अभियोजन पक्ष की ओर से कोई गवाह पेश नहीं करने पर कोर्ट ने गवाही की प्रक्रिया बंद कर दी थी।
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