मुजफ्फरपुर में अखंड ज्योत दीप गिरने से घर में लगी आग, बैंक के रीजनल मैनेजर समेत पांच झुलसे
मुजफ्फरपुर के माड़ीपुर में नवरात्र के दौरान अखंड ज्योति गिरने से एक घर में आग लग गई जिसमें बैंक मैनेजर समेत पांच लोग झुलस गए। गंभीर रूप से झुलसे पीड़ितों को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया जहां इलाज में लापरवाही के आरोप लगे। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया और बेहतर इलाज के अभाव में मरीजों को पटना ले गए।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। काजीमोहम्मदपुर थाने के माड़ीपुर में घर में नवरात्र के दौरान प्रज्वलित अखंड ज्योति गिरने से बेडशीट में आग लग गई।
आग की भयावह लपटों के दौरान घर के कमरों से गृहस्वामी को निकलना मुश्किल हो गया। इसमें बैंक के रीजनल मैनेजर, उनके पिता, पत्नी व दो पुत्रियां झुलस गईं। सभी को गंभीर हालत में एसकेएमसीएच भर्ती कराया गया। वहां इलाज में लापरवाही पर स्वजन ने हंगामा किया है।
इस दौरान अफरातफरी मची रही। स्वजन का आरोप था कि इमरजेंसी वार्ड से ट्रॉली खुद खींचकर लाए। 20 मरीज पर एक स्टाफ नर्स है। गंदगी व टूटे एस्बेस्टस में मरीजों को मरने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने छोड़ रखा है।
अस्पताल प्रशासन से कहा अगर मरीज को कुछ होता है तो एसकेएमसीएच प्रशासन जिम्मेदार होगा। स्वजन ने बताया कि हेल्थ मैनेजर सचिन चंचल का व्यवहार कुशल नहीं है। इलाज की गुहार लगाने पर प्राइवेट ले जाने को कह रहे थे।
सूचना पर अस्पताल प्रबंधक संजय कुमार शाह पहुंचे। उन्होंने इमरजेंसी वार्ड से चिकित्सक को बुलाकर पीड़ितों को दिखवाया है। हालांकि, स्वास्थ्य प्रबंधक सचिन की बातों से स्वजन भड़क गए और मरीज को लेकर पटना चले गए।
बताते हैं कि सन्नी कुमार प्रसाद बैंक ऑफ इंडिया में रीजनल मैनेजर हैं। नवरात्र के दौरान पत्नी डाली ने घर में अखंड ज्योति प्रज्वलित की थी। दीपक गिरने से घर में आग लग गई। आग की लपटें इतनी तेजी से फैलीं कि घर में सोई बेटी मान्या, जुगनू व पिता गणेश प्रसाद व रुचिका गुप्ता भी झुलस गए।
मान्या की स्थिति गंभीर है। सूचना पर एसकेएमसीएच आने-जाने वालों की तांता लगा रहा। इधर, एसकेएमसीएच उपाधीक्षक डॉ. सतीश कुमार सिंह ने बताया उन्हें जानकारी मिलने पर चिकित्सक को उपचार के लिए बर्न वार्ड भेजा गया था।
चिकित्सक लगातार मॉनिटरिंग कर रहे थे। स्वजन जो सुविधा मांग रहे थे, वह एसकेएमसीएच में नहीं है। इसको लेकर थोड़ी नाराजगी हुई थी। तीन-चार बजे के बीच भर्ती किए थे। मरीज की हालत गंभीर बताई जा रही है।
अस्पताल में जो चिकित्सीय सुविधाएं हैं, उन्हें उपलब्ध हुई हैं। नर्सिंग स्टाफ व स्वास्थ्य प्रबंधक से स्पष्टीकरण पूछा जाएगा।
एसकेएमसीएच में नहीं बर्न आईसीयू की व्यवस्था
एसकेएमसीएच में बर्न आईसीयू की व्यवस्था नहीं है। इसको लेकर यहां आने झुलसे मरीजों को परेशानी होती है। एस्बेस्टस के बने बर्न वार्ड में गर्मी व झुलसे मरीजों को जहां जलन की पीड़ा झेलनी पड़ती है, वहीं वार्ड की दयनीय हालत का सामना करना पड़ता है।
वर्तमान में वार्ड की हालत को लेकर झुलसे मरीज संक्रमण के बीच इलाज कराने को विवश हैं। पांच बेड का पूर्व में संचालित आईसीयू बंद पड़ा है। उसका एसी खराब हैं। वह स्टोर रूम बना है।
बताते हैं कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने टाटा कैंसर संस्थान को दो करोड़ रुपये सीआरएस फंड से डोनेट किए थे। उक्त राशि को टाटा कैंसर संस्थान ने एसकेएमसीएच को बर्न वार्ड के लिए डोनेट कर दिया।
राशि हस्तांतरण को दो वर्ष से अधिक समय बीत गया, लेकिन बर्न वार्ड का निर्माण व व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए एसकेएमसीएच प्रशासन पहल नहीं कर सका।
यहीं नहीं, इसके पूर्व भी बर्न वार्ड के लिए छतदार भवन में शिफ्ट करने की पहल हुई थी, लेकिन उसमें किचन शिफ्ट कर दिए जाने से वह एस्बेस्टस वार्ड में ही रह गया।
प्लास्टिक सर्जरी शुरू, सामान्य चिकित्सकीय सुविधा नहीं
एसकेएमसीएच के सुपरस्पेशलिटी में बर्न वार्ड में इलाज के बाद प्लास्टिक सर्जरी की व्यवस्था शुरू हो गई। सामान्य झुलसे मरीजों को बेहतर व संक्रमण मुक्त चिकित्सीय सुविधा मुहैया हो पाना मुश्किल है। बताते हैं कि एसकेएमसीएच के बर्न वार्ड में औसतन 20-30 मरीज अक्सर भर्ती रहते हैं।
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