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    India Nepal Tension: भारत में घर, नेपाल में खेत व खलिहान, मुश्किल में किसान

    By Murari KumarEdited By:
    Updated: Sun, 14 Jun 2020 08:12 PM (IST)

    सोनबरसा में फायरिंग के बाद मधुबनी सीमा पर भय का माहौल। ट्रैक्टर तो दूर बैलगाड़ी तक नहीं ले जाने दे रहे एपीएफ के जवान। इससे फसल लाने से लेकर नई फसल लगाने में मुश्किल हो रही।

    India Nepal Tension: भारत में घर, नेपाल में खेत व खलिहान, मुश्किल में किसान

    मधुबनी, [राघवेंद्र झा]। सीतामढ़ी से लगती नेपाली सीमा पर नेपाल की आर्म्‍ड पुलिस फोर्स (एपीएफ) की फायरिंग का असर जिले में भी दिख रहा। जयनगर से लगती नेपाल की सीमा पर भय का वातावरण बन गया है। ऐसे में उन भारतीय किसानों की परेशानी काफी बढ़ गई है, जिनके खेत नेपाल में हैं। फसल लाने से लेकर नई फसल लगाने में मुश्किल हो रही। 

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    पहले नहीं थी परेशानी, अब हो रही दिक्‍कत

    जयनगर प्रखंड की वेलही पश्चिमी पंचायत के वेतोउन्हा गांव के दर्जनों किसान संकट में हैं। दरवेश्वर बनरैत, सत्यनारायण गिरि, जगदयाल गिरि, चंदेश्वर सिंह, जितेंद्र सिंह, महेंद्र महतो, रामानंद महतो और अरुण कुमार सहित अन्य किसान कहते हैं कि नेपाल में स्थित उनकी पुश्तैनी जमीन पर खेती में पहले कोई परेशानी नहीं थी। अब काफी दिक्कत हो रही है। पहले नेपाली पुलिस का व्यवहार दोस्ताना था। मगर, जब से नेपाल सरकार ने सीमा पर एपीएफ की तैनाती की है, भय का माहौल बन गया है।

     काफी पूछताछ के बाद खेत में जाने दिया जाता है। खेती करने के लिए भारतीय नंबर के ट्रैक्टर या कोई अन्य यांत्रिक वाहन नहीं जाने दिया जा रहा। बैलगाड़ी तक का उपयोग नहीं करने दिया जाता। इससे तैयार फसल लाने में भी परेशानी होती है। सीमा से सटी सड़क के उत्तर में काफी खेत है। मगर, इस सड़क से भारतीय किसानों को जाने देने में एपीएफ की मनाही रहती है। 

    नेपाल सरकार के नए नियम से भी परेशानी

    भारतीय किसानों ने बताया कि नेपाल सरकार ने जमीन बिक्री के नियम में भी बदलाव कर दिया है। नए नियम के मुताबिक भारतीय किसान अब भारत के नागरिकों को जमीन नहीं बेच सकते। उन्हें नेपाली नागरिकों के हाथों ही जमीन बेचनी होगी। नेपाल सरकार के इस कानून के कारण भारतीय किसानों को जमीन का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है।

    पिलर के नजदीक टेंट लगाकर कर रहे कैंप

    किसानों ने बताया कि विगत कुछ महीनों से एपीएफ के जवान पिलर के नजदीक टेंट लगाकर दिन-रात कैंप कर रहे हैं। इस कारण ज्यादा परेशानी हो रही है। हालांकि, 24 अप्रैल को जयनगर में एपीएफ जवानों के साथ भारतीय किसानों की हुई झड़प के बाद स्थानीय पदाधिकारी की सार्थक पहल हुई थी। इसके बाद से एपीएफ के व्यवहार में कुछ सकारात्मक बदलाव हुआ है।

    इन सबके बीच भारतीय सीमा पर तैनात एसएसपी जवान भी चौकस हैं। एसएसबी 48वीं वाहिनी के समादेष्टा शंकर सिंह ने बताया कि अभी यहां स्थिति सामान्य है। मगर, सभी बीओपी कमांडर को विशेष चौकसी बरतने का निर्देश दिया गया है।