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    Muzaffarpur News: फर्जी टीटीई से पूछताछ में मिले महत्वपूर्ण सुराग, वसूली गैंग के पूरे देश में फैले होने की आशंका

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 12:32 PM (IST)

    Indian Railway मुजफ्फरपुर जंक्शन पर पकड़े गए फर्जी टीटीई रवि रंजन कुमार से पूछताछ में मिली जानकारी से फर्जी भर्ती या वसूली गैंग के बड़े रैकेट के तार जुड़ने के संकेत मिल रहे हैं। इसके देश भर में फैले होने की आशंका है। ग्वालियर-बरौनी ट्रेन से सीतामढ़ी जिला के रीगा थाना क्षेत्र के रेवासी धनुषी गांव के रवि रंजन कुमार पिता सुशील झा को गिरफ्तार किया गया था।

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    जंक्शन से पकड़े गए फर्जी टीटीई का आइडी कार्ड। सौ. रेल पुलिस

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर जंक्शन से किलाबंदी टिकट चेकिंग के दौरान पकड़े गए फर्जी टीटीई रवि रंजन कुमार से पूछताछ में मिली जानकारी और उसके पास से जब्त कागजात एवं टर्मिनल एप लोड मोबाइल से फर्जी भर्ती या वसूली गैंग के बड़े रैकेट के तार जुड़ने के संकेत मिल रहे हैं।

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    देश भर में इस रैकेट का जाल फैले होने की आशंका है। रवि रंजन ने पूछताछ में बताया कि गैंग में कई शातिर शामिल हैं। इससे फर्जी भर्ती या वसूली गैंग के पूरे देश में फैले होने की आशंका जताई जा रही है। रेल एसपी वीणा कुमारी के आदेश के बाद मामले की जांच शुरू हो गई है।

    विदित हो कि सीतामढ़ी जिला के रीगा थाना क्षेत्र के रेवासी धनुषी गांव के रवि रंजन कुमार, पिता सुशील झा को गुरुवार को मुजफ्फरपुर जंक्शन पर गिरफ्तार किया गया था। वह ग्वालियर-बरौनी ट्रेन से कानपुर से टिकट जांच करते मुजफ्फरपुर तक आया था।

    पकड़े जाने के बाद उसने पुलिस को चकमा देकर गलत पता बता कर निकलने का प्रयास किया। पहले उसने अपना नाम देवरिया का रविंद्र बताया। उसके पास से मिले कागजात की जांच में असली पता सामने आया। छोड़ने की एवज में उसने पुलिस को मोटी रकम देने का भी प्रयास किया।

    रवि से पूछताछ में पता चला कि गिरोह के लोग सारे रेलवे जोन में बंट कर यात्रियों से उगाही कर रहे हैं। इसमें पूर्व मध्य रेल के अलावा नार्थ ईस्ट रेलवे, साउथ रेलवे सहित कई रेलवे जोनल में उगाही कर रहे हैं।

    रवि के पास से जब्त कागजात में नार्थ सेंट्रल रेलवे, प्रयागराज से 12 मार्च 2025 को जारी फर्जी नियुक्ति पत्र के साथ पहचान पत्र भी है। इसे देखने से पता चला कि पिछले साल दो दिसंबर को सोनपुर में किलाबंदी टिकट चेकिंग के दौरान पकड़े गए तीन फर्जी टीटीई के पास से जब्त कागजात भी इसी तरह के थे।

    रेल एसपी ने मुजफ्फरपुर जीआरपी थानाध्यक्ष रंजीत कुमार को इस बिंदु पर जांच कर कार्रवाई करने को कहा है, ताकि फर्जी भर्ती रैकेट से जुड़े मामले का पर्दाफाश हो सके। उसके जब्त मोबाइल से काल डिटेल निकाला जा रहा है।

    पिछले साल सोनपुर में रेलवे में फर्जी भर्ती रैकेट का उद्भेदन होने के बाद एडीआरएम का रसोइया बने गुमटीमैन को जेल भेजा गया था। वह अब भी जेल में ही हैं। उसके साथ इस कांड में करीब दस जालसाजों को जेल भेजा जा चुका है।

    उक्त कांड की जांच कर रहे सोनपुर थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार को भी इस कांड के उद्भेदन में लगाया जा सकता है। दो माह से विभिन्न ट्रेनों में जांच कर ठगी का बना रहा था शिकार : रवि रंजन ने रैकेट में शामिल शातिरों की जानकारी दी है।

    उसके साथ दो और युवक फर्जी टीटीई बनकर ट्रेन में यात्रियों के टिकट की जांच कर उन्हें ठगी के शिकार बना रहे थे। उसके पकड़े जाने के बाद मौके से दोनों भाग निकले। वे ग्वालियर-बरौनी ट्रेन से कानपुर से टिकट जांच करते मुजफ्फरपुर तक आए थे।

    इन सवालों के नहीं मिले जवाब

    उक्त ट्रेन के कोच कंडक्टर को शक क्यों नही हुआ? क्योंकि कोच कंडक्टर को जानकारी रहती है कि उनके कोच के किस बर्थ पर कौन यात्री बैठा है, कौन अवैध रूप से सफर कर रहा है, कौन वेटिंग में है, कौन आरएससी में है। कितने टीटीई उनके बैच के तथा कितने स्क्वायड के चल रहे, यह जानकारी भी रहती है। फर्जी टीटी के कानपुर से यहां तक आने के बाद भी जानकारी क्यों नहीं मिली?

    फर्जी टीटीई के पास से जब्त सामान

    फर्जी टर्मिनल एप लोड मोबाइल, जिसमें रेलवे कर्मचारी जैसा ऐप लोड किया था। रेलवे का फर्जी परिचय पत्र, आधार कार्ड की फोटो कापी, भारतीय रेलवे का फर्जी मेडिकल कार्ड, 4980 रुपये तथा फर्जी ज्वाइनिंग लेटर की फोटो कापी।

    गिरफ्तार फर्जी टीटीई के पास से जब्त कागजात और पूछताछ के आधार पर मामले की जांच की जा रही है। फर्जी भर्ती और वसूली गैंग के एंगल पर गहराई से जांच हो रही है।

    वीणा कुमारी, रेल एसपी मुजफ्फरपुर