दो बहनों की मौत के बाद भी नहीं मान रहे लोग, आउटर पर उतरने की कोशिश में मौत को दे रहे दावत
मुजफ्फरपुर में दानापुर से आ रही ट्रेन में दो बहनों की आउटर सिग्नल पर उतरने से हुई मौत के बाद भी यात्री सबक नहीं ले रहे। रेलवे लगातार अपील कर रहा है कि आउटर पर ट्रेन रुकने पर न उतरें और न ही पायदान पर लटकें। ऐसा करना खतरनाक और दंडनीय अपराध है क्योंकि मुजफ्फरपुर जंक्शन पर ट्रेनों की आवाजाही अधिक रहती है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। दानापुर से मुजफ्फरपुर का सफर दो बैंक अधिकारी बहनों का अंतिम सफर रहा। आउटर पर रुकी ट्रेन से उतरकर पास के अपार्टमेंट में जाने की हड़बड़ाहट ने उनकी जिंदगी छीन ली। इस घटना का असर उन यात्रियों पर नहीं हुआ या हो रहा जो प्रतिदिन ऐसा करते हैं। आउटर पर ही उतर कर पटरी पार करते। इससे कभी भी उनके साथ ही ऐसा हादसा हो सकता है। ऐसी घटना कहीं आपके साथ भी नहीं हो जाए, इसलिए थोड़ा धैर्य रखें।
मंगलवार को फिर यात्री ट्रेन के पायदान पर लटक कर यात्रा करते देखे गए। इतना ही नहीं आउटर पर ट्रेन रुकने पर दर्जनों यात्री उतर गए विपरीत दिशा की ओर चल दिए। वहीं कुछ लोग प्लेटफार्म के विपरीत दिशा में चढ़ते-उतरते देखे गए।
इसमें से कुछ पकड़े भी जा रहे। उनको जुर्माना के साथ कोर्ट का चक्कर भी लगाना पड़ रहा, फिर इस तरह की गलती कर ही रहे हैं। रेल अधिकारी वैसे लोगों से लगातार अपील कर रहे हैं। वे किसी की परिस्थिति में आउटर सिग्नल पर ट्रेन रुकने पर नहीं उतरे। पायदान पर नहीं लटके, न विपरीत दिशा से ट्रेन के अंदर चढ़े।
प्रतिदिन आती है 80 से 90 ट्रेनें
पटना के बाद मुजफ्फरपुर पूर्व मध्य रेल का दूसरा बड़ा जंक्शन है। यहां एक साथ चारों दिशाओं से ट्रेनें आती हैं। जंक्शन के पश्चिम भाग से एक साथ तीन ट्रेनों का इंट्रेंस हैं। हाजीपुर रूट, मोतिहारी और सीतामढ़ी रूट शामिल हैं। आठ प्लेटफार्म हैं, लेकिन बड़ा प्लेटफार्म सिर्फ पांच ही है। एक से पांच तक बड़ा है तथा छह से आठ तक छोटे हैं।
ऐसे में आउटर पर ट्रेनें रुकना स्वाभाविक है। उसके बाद समस्तीपुर की ओर जाने वाली और समस्तीपुर की तरफ से आने वाली ट्रेनें प्रतिदिन 80 से 90 गाड़ियां यहां से गुजरती हैं। ऐसे में रामदयालु, ब्रह्मपुरा, आउटर पर कोई न कोई प्लेटफार्म पर आने से पहले खड़ी की जाती है ताकि खाली प्लेटफार्म पर लाया जा सके।
पटना के बाद मुजफ्फरपुर पूर्व मध्य रेल का बड़ा जंक्शन माना जाता है। यहां चारों तरफ से गाड़ियां आती हैं। गाड़ियों की संख्या भी अधिक है। कभी-कभी एक साथ डबल गाड़ियां इन करती हैं, ऐसे में कोई न कोई ट्रेन को आउटर पर रोकना पड़ता है। प्लेटफार्म खाली होने पर फिर आउटर से गाड़ी प्लेटफार्म पर ली जाती हैं। यात्रियों से आग्रह है कि वे किसी भी परिस्थिति में प्लेटफार्म पर ही उतरें। आपकी जान अनमोल हैं, इसको संभाल कर रखने की जिम्मेदारी भी आपकी ही है। रास्ते में ट्रेन से उतरना भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। - ज्योति प्रकाश मिश्रा, डीआरएम, समस्तीपुर मंडल, पूर्व मध्य रेल
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