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    अनोखा हुनर : राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर छायी समस्तीपुर के लाल कलर ब्लाइंड कुंदन की मिथिला पेंटिंग

    By Murari KumarEdited By:
    Updated: Mon, 25 Jan 2021 03:21 PM (IST)

    राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर निर्वाचन विभाग ने कुंदन कुमार राय को पटना में किया सम्मानित। स्मृति चिह्न पर अंकित की गई है पेंटिंग की झलक। ये कलर ब्लाइंड हैं। रंगों की पहचान नहीं कर पाते। पर हुनर ऐसा कि रंगों से मूर्तियों को जीवंत कर दें।

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    राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर सम्मानित कुंदन कुमार राय।

    समस्तीपुर, [प्रकाश कुमार]। राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर निर्वाचन विभाग ने समस्तीपुर के कुंदन कुमार राय द्वारा बनाई गई मतदान करने से संबंधित मिथिला पेंटिंग की तस्वीर जारी की है। ये कलर ब्लाइंड हैं। रंगों की पहचान नहीं कर पाते। पर, हुनर ऐसा कि रंगों से मूर्तियों को जीवंत कर दें। रंग भी हर्बल और इको फ्रेंडली।मतदाताओं को जागरूक करने के लिए बनाई पेंटिंग व अत्यंत सराहनीय सहभागिता के लिए राज्य स्तरीय सम्मान से कुंदन कुमार राय को पटना में सम्मानित किया गया है। सबसे खुशी की बात यह है कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर यह पेंटिंग मुख्य अतिथि को सम्मान करने वाले स्मृति चिह्न पर भी अंकित रही। इसके अलावा बिहार के सभी समाचार पत्रों, सोशल व इलेक्ट्रानिक मीडिया में निर्वाचन आयोग द्वारा जारी विज्ञापन में छाई रही। मतदाता जागरूकता रथ के बैनर पर शहर से लेकर गांव तक घुमती रही। बल्कि निर्वाचन आयोग के किताब व बैनर पर तस्वीर प्रकाशित की गई है। 

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    सम्मान को मानते है बड़ी उपलब्धि 

    कुंदन की कई पेटिंग को मतदाता जागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार हेतु निर्वाचन विभाग द्वारा बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2020 में प्रयोग किया गया था।जिसे वे अपनी एक बहुत बड़ी उपलब्धि मानते हैं। यह सम्मान मुख्य अतिथि बिहार सरकार  मुख्य सचिव दीपक कुमार के द्वारा दिया गया है। 

    इस सफलता के लिए इलेक्शन ऑफिसर कपिल शर्मा, रमेश यादव, अलख कुमार सिन्हा, गुंजन मेहता, अभिषेक चंद्रा, नाबार्ड डीडीएम जयंत विष्णु, महेश कुमार, अविनाश राय को धन्यवाद दिया। 

    नागपुर की चित्रकला प्रतियोगिता टर्निंग प्वाइंट 

    बचपन से ही पेंटिंग में रुचि रखने वाले 35 वर्षीय कुंदन की राह में कलर ब्लाइंडनेस बड़ी बाधा थी। गुलाबी, हरा, लाल, भूरा, कत्थई, नीला रंग पहचानने में मुश्किल होती थी। समस्तीपुर से स्नातक के बाद एमबीए करने नागपुर पहुंचे। वहां शिक्षक के कहने पर चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लिया। डर सता रहा था कि रंग कैसे भरेंगे। उनकी बहन ने डिब्बे से पढ़कर रंग भरने की बात कही। यह आइडिया क्लिक कर गया। ऐसा करने के बाद उन्होंने पेंटिंग बनाई। यह उनके कॅरियर का टर्निंग प्वाइंट था। इसके बाद हॉबी को रंग देना शुरू किया।

    इको फ्रेंडली मूर्तियों के लिए अभियान

    इसी दौरान नागपुर में ही 300 साल पुरानी काली मंदिर में पेंटिंग का काम मिला। मंदिर की मूर्तियों में रंग भर उसे नवजीवन दिया। इसके बाद वे ईको फ्रेंडली मूर्तियां बनाने लगे। इसके लिए अभियान भी चलाया। कुंदन नदियों, सरोवरों और तालाबों को प्रदूषित होने से बचाने के लिए मिट्टी की मूर्तियां बनाने का संदेश दे रहे। केमिकल की जगह हर्बल कलर भरते हैं।

    कोरोना पर जागरूक करने को बनाई पेंटिंग्स

    कभी कोरोना का संहार करते प्रभु श्रीराम तो कभी देश को बचाने के लिए दृढ़ संकल्पित प्रधानमंत्री मोदी। लॉकडाउन अवधि के हर दौर को मधुबनी पेंटिंग से कुछ इसी तरह कुंदन ने सजाया। कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अलग-अलग पेंटिंग बनाई। पहली बार 22 मार्च को जनता कफ्र्यू पर पेंटिंग बनाई। पेंटिंग से बताया कि संयम, संकल्प, साहस और शारीरिक दूरी बनाकर ही कोरोना का नाश किया जा सकता है। पहले लॉकडाउन की अवधि में थाली पीटने और दीपक या मोमबत्ती जलाने की पेंटिंग बनाई। प्रधानमंत्री के साथ खड़े लोग विपदा की घड़ी में एकता का संदेश दे रहे थे। रामनवमी के मौके पर कोरोना का संहार करते प्रभु श्रीराम की पेंटिंग बनाई। लॉकडाउन में विश्व पृथ्वी दिवस पर उन्होंने पेंटिंग से पर्यावरण बचाने का संदेश दिया। पृथ्वी को निगल रहे कोरोना की पेंटिंग बनाकर प्राकृतिक संपदा के बचाव की सीख दी। इसके अलावा कई अन्य पेंटिंग बनाई।

    कई सम्मान अबतक प्राप्त

    इन्होंने पद्मभूषण शारदा सिन्हा के गीतों को भी कलाकृतियों में ढाल 2017 में उन्हें भेंट की। कुंदन को भारत लीडरशिप अवार्ड, बिहार गौरव सम्मान, समस्तीपुर रत्न, पर्यावरण योद्धा सम्मान 2018, भारतश्री 2018, यूथ आइकॉन अवार्ड-2018, विजनरी ऑफ इंडिया अवार्ड-2018, ओरेटर ऑफ द मंथ व यंग इंडिया चेंजमेकर पिपुल्स च्वाइस अवार्ड समेत अन्य सम्मान मिल चुके हैं। इसी साल कलाम बिहार यूथ लीडरशिप कॉन्फ्रेंस में इंटरनेशनल स्पीकर के रूप में भाग लिया। कुंदन कहते हैं कि उनकी चाह है कि समस्तीपुर में कला के विकास के लिए एक संस्थान की शुरुआत करें।