मधुबनी इंजीनियरिंग कालेज में शीघ्र शुरू होंगी शैक्षिक गतिविधियां, चार शाखाओं की होगी पढ़ाई
शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए बीपीएससी से चल रही प्रक्रिया। कालेज का संचालन 2019 से हो रहा है। अभी दरभंगा इंजीनियरिंग कालेज के साथ चल रहा है। नए सत्र में नामांकन प्रक्रिया जुलाई-अगस्त में शुरू होने की संभावना है।
मधुबनी, जासं। मधुबनी इंजीनियरिंग कालेज के नए भवन में एक माह में शैक्षणिक गतिविधियां शुरू होने की संभावना है। 73.13 करोड़ की लागत से कालेज का नया भवन बनकर तैयार है। इसका बुधवार को सीएम नीतीश कुमार आनलाइन उदघाटन कर चुके हैं। जिला मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर पंडौल में औद्योगिक क्षेत्र स्थित बरमोतरा सागरपुर में सूत मिल की 7.5 एकड़ जमीन पर भवन बना है। कालेज के पास अब प्रशासनिक व शैक्षणिक भवन है। इसके अलावा 300 छात्रों व 200 छात्राओं के लिए अलग-अलग छात्रावास, कर्मियों के लिए आवास, गेस्ट हाउस, फैकल्टी आवास के साथ आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित वर्कशाप भी है।
कालेज का संचालन 2019 से हो रहा है। अभी दरभंगा इंजीनियरिंग कालेज के साथ चल रहा है। यह संस्थान मधुबनी इंजीनियरिंग कॉलेज का मेंटर इंस्टीट््यूट भी है। अभी सिविल, मैकेनिकल एवं इलेक्ट्रिकल की पढ़ाई हो रही है। नए सत्र से कंप्यूटर साइंस में भी नामांकन होगा। मिथिला विश्वविद्यालय से अनुमति मिल चुकी है। एआईसीटीई से अनुमति मिलते ही कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। नए सत्र में नामांकन प्रक्रिया जुलाई-अगस्त में शुरू होने की संभावना है। कालेज में अभी तीन बैच के 565 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। नए भवन में कालेज के शिफ्ट होते ही इनकी कक्षाएं यहां चलने लगेंगी। यहां अभी तीन शिक्षक हैं। प्रभारी प्रधानाचार्य डा. विकास कुमार ने कहा कि शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए बीपीएससी से चयन प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही रिक्त पद भरे जाएंगे।
पीजी की पढ़ाई शुरू करने पर आरबीबीएम कालेज में बैठक
मुजफ्फरपुर : रामवृक्ष बेनीपुरी महिला महाविद्यालय में गुरुवार को प्राचार्य डा.ममता रानी की अध्यक्षता में शिक्षकों की बैठक हुई। महाविद्यालय में चार विषयों में पीजी में नामांकन व कक्षाओं का संचालन शुरू करने पर विमर्श किया गया। प्राचार्य ने संबंधित विभागाध्यक्षों को नामांकन व कक्षाएं संचालित करने को लेकर दिशानिर्देश दिए। कहा कि स्नातक में नामांकन के लिए भी शिक्षक छात्राओं को कम आवेदन वाले विषयों के प्रति प्रेरित करें। संस्कृत, उर्दू, दर्शनशास्त्र आदि विषयों में काफी कम आवेदन आए हैं। गर्मी की छुट्टी में होने वाली परीक्षाओं के लिए भी शिक्षकों से सहमति ली गई। कहा गया जो शिक्षक छुट्टी में मुख्यालय से बाहर रहेंगे वे स्टेशन लीव के लिए आवेदन देंगे। बैठक में एकेडमिक गतिविधियों सेमिनार, प्रश्नोत्तरी, कार्यशाला के आयोजन में भी तेजी लाने का निर्देश दिया गया। प्राचार्य ने कहा कि शिक्षक अपनी कार्यशैली ऐसी बनाएं की वह कर्मचारियों और छात्राओं के लिए भी उदाहरण बन सकें। शिक्षकों ने भी अपनी समस्याओं से प्राचार्य को अवगत कराया। बैठक में डा.रामेश्वर राय, डा.रेणु बाला, सुनीता कुमारी, वंदना ङ्क्षसह, चेतना वर्मा, विदिशा मिश्र, डा.रूपम, डा.नीलू, डा.अफरोज, डा.चितरंजन समेत अन्य थे।