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    हिंदी की सेवा के लिए डॉ.महेंद्र मधुकर को मिलेगा नागार्जुन पुरस्कार, CM नीतीश करेंगे सम्मानित

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 07:48 AM (IST)

    बिहार सरकार ने डॉ. महेंद्र मधुकर को नागार्जुन सम्मान देने की घोषणा की है। उन्हें चार लाख रुपये का पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र मिलेगा जो 23 अगस्त को मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किया जाएगा। डॉ. मधुकर को पहले भी महात्मा गांधी सम्मान मिल चुका है। उन्होंने कविता उपन्यास और आलोचना के माध्यम से हिंदी साहित्य की सेवा की है। उन्हें साहित्य के क्षेत्र में 70 पुरस्कार मिल चुके हैं।

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    हिंदी की सेवा के लिए डॉ. महेंद्र मधुकर को नागार्जुन सम्मान। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बिहार सरकार के हिंदी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार योजना के अंतर्गत डॉ. महेंद्र मधुकर को नागार्जुन सम्मान देने की घोषणा की गई है। सम्मान के तहत चार लाख रुपये का पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र मिलेगा।

    उन्हें यह पुरस्कार 23 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों प्रदान किया जाएगा। डॉ. मधुकर को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने वर्ष 2021 में महात्मा गांधी सम्मान से विभूषित किया था। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेखन के साथ कविता, उपन्यास व आलोचना के माध्यम से हिंदी की सेवा करते रहे हैं।

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    साहित्य अकादमी के पूर्व ज्यूरी सदस्य ने लोपामुद्रा, त्र्यंबक यजामहे, कस्मै देवाय, वासवदत्ता, बरहम बाबा की गाछी जैसे उपन्यासों की रचना की है।

    वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. महेंद्र मधुकर ने बताया कि यह पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर पर दिया जाता है। राजभाषा के निदेशक एसएम परवेज आलम की ओर से बुधवार को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी गई है।

    उन्होंने कहा कि उन्हें अब तक राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार मिल चुके हैं। बताया कि अब तक उन्हें साहित्य के क्षेत्र में 70 पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।

    बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. महेंद्र मधुकर ने बताया कि वे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के प्रोफेसर एमेरिटस से लेकर संघ लोक सेवा आयोग से 2003 से 2007 तक जुड़े रहे। उन्होंने देश-विदेश के कई विश्वविद्यालयों में व्याख्यान दिए हैं।