मुजफ्फरपुर में किसानों पर दोहरी मार, जो खर्च हुआ वह तो गया, नई फसल की उम्मीद भी क्षीण
जिले के कई प्रखंडों में सरकारी अनुदानित गेहूं के बीज में अंकुरण नहीं होने की शिकायत। जागरण की खबर पर कृषि विभाग की पहल किसानों को बीज उपलब्ध कराने की ...और पढ़ें

मुजफ्फरपुर, जासं। सरकारी अनुदानित गेहूं के बीज में अंकुरण नहीं आने की शिकायत जिले के कई प्रखंडों में है। हजारों किसान इससे प्रभावित हुए हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह कि छोटे किसान पर अधिक असर पड़ा है। क्योंकि अधिकतर ऐसे किसानों ने ही अनुदानित बीज लिए थे। उनके पास अब इतनी क्षमता नहीं कि फिर से खेत तैयार कर नई फसल लगा सके। रबी की क्षीण होती उम्मीद पर अब सारी नजर सरकार पर टिक गई है। वहां से कोई निर्णय हो तो इस जख्म पर मरहम लग सकता है। मरहम की यह उम्मीद जागरण की पहल पर हो रही है। किसानों पर दोहरी मार अभियान शुरू होने पर कृषि विभाग सजग हो गया है। पीडि़त किसानों को दोबारा बीज देने की कवायद विभाग ने शुरू कर दी है। जिला कृषि पदाधिकारी ने इस समस्या से विभाग को अवगत करा दिया है। वहां से बीज या मुआवजा देने का निर्णय होने पर किसानों को मदद किया जाएगा।
खेत को खाली रखना मजबूरी
कुढऩी के केरमा निवासी किसान संतोष कुमार ने कहा कि बड़े अरमान से सरकारी बीज लगाकर खेत में बोआई की। 30 किलो बीज लाए थे। एक सप्ताह बाद बीज जब अंकुरित नहीं हुआ तो वे बेचैन हो गए। प्रखंड से लेकर जिला कार्यालय तक चक्कर लगाए। कोई फायदा नहीं हुआ। अब तो जो खर्च हुआ वह हुआ, लेकिन नई फसल लगाने की उम्मीद खत्म हो गई है। संतोष ने कहा कि उनके खेत के बगल में लोगों ने दूसरी खेती कर ली है। अब अपने खेत में दूसरा बीज लेकर बोआई का प्रयास करते भी हैं तो कामयाबी नहीं मिलेगी। क्योंकि खेतों तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है। वहां ट्रैक्टर नहीं पहुंच सकेगा। रबी की इस स्थिति पर संतोष भावुक हो जाते हैं। कहते हैं, वह अकेले इस तरह के किसान नहीं है। सरमस्ता के मो. सदूब भी 30 किलो बीज लेकर गए थे। उनके खेत में भी बीज में अंकुरण नहीं हुआ। संतोष ने दावा किया कि कुढनी की 39 में हर पंचायत में दर्जनों किसान इस तरह की बीज के शिकार हो गए।
निदान के लिए चल रही पहल
जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि किसानों की परेशानी से विभाग अवगत है। जिन किसानों को बीज मिला और उसका अंकुरण नहीं हुआ उन्हें फिर बीज देने की कवायद चल रही है। विभाग के स्तर पर रिपोर्ट दी गई है। अगर राज्य मुख्यालय से बीज आएगा तो किसान को बीज दिया जाएगा। वहीं बीज के अंकुरित नहीं होने के कारण के बारे में कहा कि इसकी जांच विभाग स्तर पर क्वालिटी कंट्रोल विभाग जांच कर रहा है। वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही सही कारण का पता चलेगा। वैसे किसानों को सुझाव दिया कि जिन खेतों में बीज अंकुरित हुआ वे बाजार से बीज लगाकर बोआई कर दें। इससे रबी का नुकसान नहीं होगा। सरकार के स्तर से जो निर्णय होगा उसका लाभ पीडि़त किसानों को जरूर मिलेगा।

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