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    Muzaffarpur : मुशहरी पीएचसी में कौन था गायब? जवाब मिला तो 15 कर्मचारियों का वेतन बंद

    By Amrendra Tiwari Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Sun, 14 Dec 2025 09:01 PM (IST)

    Muzaffarpur Medical News : मुजफ्फरपुर के मुशहरी पीएचसी में निरीक्षण के दौरान कई कर्मचारी गायब पाए गए, जिससे हड़कंप मच गया। ड्यूटी से गायब रहने वाले 15 ...और पढ़ें

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर । मुशहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में समय पर चिकित्सक और कर्मियों के नहीं पहुंचने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वे इलाज के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं।

    इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन डा.अजय कुमार ने शनिवार को पीएचसी का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित कई चिकित्सक व कर्मी समय पर उपस्थित नहीं मिले।

    इस पर सिविल सर्जन ने 15 कर्मियों का वेतन बंद करने का निर्देश देते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही चेतावनी दी कि पूर्व में भी अनुपस्थित रहने वाले चिकित्सक व कर्मी यदि इस बार भी ड्यूटी से नदारद मिले तो उनपर कड़ी कार्रवाई होगी।

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    सिविल सर्जन ने बताया कि शनिवार को सुबह 11 बजे मुशहरी पीएचसी का औचक निरीक्षण किया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा.प्रीति कुमारी कार्यस्थल पर विलंब से सुबह 11:16 बजे पहुंचीं।

    निरीक्षण के दौरान पीएचसी में कुल 164 प्रकार की दवाइयां मिलीं। ओपीडी में चिकित्सा पदाधिकारी डा.रेहान मौजूद थे और मरीजों का इलाज कर रहे थे। रात्रिकालीन अवधि में केंद्र पर कुल पांच प्रसव कराए गए थे।

    उपस्थिति पंजी के अवलोकन में कई चिकित्सक व कर्मी कार्यस्थल से अनुपस्थित अथवा विलंब से उपस्थित पाए गए। इसमें डा.सतीश प्रसाद, डा.राहुल रंजन, डा.मंजरी कुमारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक असरार अहमद, प्रखंड लेखा प्रबंधक संजीव कुमार ओझा, लिपिक मो.जावेद अहमद, एसटीएस काजल झा, बीएमएनई नेहा राज, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक जयकांत सदा, स्वास्थ्य प्रशिक्षक विवेकानंद सिंह, बुनियादी स्वास्थ्य कार्यकर्ता बैद्यानाथ प्रसाद, संगणक जयश्री सोम, स्वास्थ्य सेवक अशोक कुमार व परिवार कल्याण कार्यकर्ता मोहित मृदुल शामिल हैं।


    सिविल सर्जन ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि सभी अनुपस्थित और विलंब से उपस्थित चिकित्सकों व कर्मियों से स्पष्टीकरण लेकर तीन कार्यदिवस के भीतर अनुपालन प्रतिवेदन कार्यालय में समर्पित करें। साथ ही यह भी स्पष्ट करने को कहा गया है कि पूर्व में ऐसे मामलों में क्या कार्रवाई की गई थी, इसकी पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाए।