Bihar Land Record: मुजफ्फरपुर-पटना समेत 24 जिलों में भू-अभिलेखों के डिजिटाइजेशन में देरी, सरकार ने जताई चिंता
मुजफ्फरपुर और पटना समेत बिहार के 24 जिलों के 165 अंचलों में भू-अभिलेखों की स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन का काम शुरू नहीं हुआ है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने इस पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि यह सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में से एक है। भू-अभिलेखों की स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन किया जाना अति आवश्यक है। इससे दस्तावेज सदियों तक सुरक्षित रहेगी।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। भू-अभिलेखों की स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन का कार्य सभी अंचलों में किया जा रहा है। इसके लिए हरियाणा की एक निजी कंपनी से करार किया गया है, लेकिन मुजफ्फरपुर और पटना समेत 24 जिलों के 165 अंचलों में अब तक डिजिटाइजेशन का काम शुरू नहीं हुआ है। इसपर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने चिंता जताई है।
उन्होंने कहा है कि यह सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में से एक है। भू-अभिलेखों की स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन किया जाना अति आवश्यक है। इससे दस्तावेज सदियों तक सुरक्षित रहेगी। इसकी उच्च स्तरीय समीक्षा हो रही है। इसके बावजूद 165 अंचलों में काम शुरू नहीं होना चिंताजनक है।
उन्होंने सभी संबंधित जिलों के समाहर्ता को इससे अवगत कराया है। कहा है कि अंचलों से अविलंब जमाबंदी रजिस्टर प्राप्त कर अभिलेखागार में जमा कराएं और अंचलाधिकारियों की देखरेख में डिजिटाइजेशन का काम पूरा कराएं, ताकि अगली समीक्षा में इसकी जानकारी उपलब्ध कराई जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य में विशेष भूमि सर्वेक्षण का काम चल रहा है। जमाबंदी रजिस्टर की आनलाइन अनुपलब्धता के कारण रैयतों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस कारण कई जिलों में विरोध और हंगामा भी हो रहा है। इसे देखते हुए प्राथमिकता के आधार पर जिन अंचलों में कार्य शुरू नहीं हुआ है। वहां शुरू कराने को कहा है।
जिले के आठ अंचलों में नहीं शुरू हुआ डिजिटाइजेशन:
मुजफ्फरपुर में औराई, गायघाट, कटरा, मुरौल, मोतीपुर, साहेबगंज, सकरा और सरैया में अब तक डिजिटाइजेशन का काम शुरू नहीं हुआ है, जबकि इसे लेकर करीब छह माह में कई बार जिला मुख्यालय से लेकर अंचलों को रिमाइंडर भेजा गया है। इसके बावजूद काम शुरू नहीं होना चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी प्रकार की तकनीकी समस्या है तो इससे विभाग को अवगत कराएं, ताकि शीघ्र इसका समाधान निकाला जा सके। दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन अनिवार्य है।
भूमि का वर्तमान स्वरूप और दर निर्धारण को छह सदस्यीय कमेटी गठित
बागमती विस्तारीकरण परियोजना को लेकर गायघाट के रमौली में 2.3105 एकड़ भूमि अधिग्रहण किया जाना है। इसके लिए समाहर्ता ने भूमि का वर्तमान स्वरूप, किस्म, दर और वर्गीकरण निर्धारण करने कोे लेकर छह सदस्यीय कमेटी गठित की है। अपर समाहर्ता राजस्व को अध्यक्ष, उप विकास आयुक्त को सदस्य, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को सदस्य सचिव, डीसीएलएआर पूर्वी, जिला अवर निबंधक और बागमती प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को सदस्य नामित किया गया है।
जांच कमेटी के आधार पर ही मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। समाहर्ता ने अधिग्रहित की जाने वाली भूमि का स्थल निरीक्षण, ग्रामवार, मौजावार और खेरसरावार किस्म और वर्गीकरण निर्धारण कर अभिलेखबद्ध करने का निर्देश दिया है। उन्होंने बाजार मूल्य को ध्यान में रखकर दर निर्धारित करने की बात कही है, ताकि बाद में किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न नहीं हो।
विदित हो कि बाढ़ की विभिषिका से बचाव को लेकर बागमती विस्तारीकरण परियोजना अंतर्गत दाएं और बांए तटबंध का निर्माण किया जा रहा है। इसे लेकर गायघाट, औराई और कटरा में व्यापक पैमाने पर अधिग्रहण की कार्रवाई चल रही है।
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