Dhanteras 2025: धनतेरस कब है? शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है? किस समय खरीदारी करना अत्यंत फलदायी होगा ?
Dhanteras 2025 धन समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति का पर्व धनतेरस है। इस दिन भगवान धन्वंतरि माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि आयुर्वेद के जनक और देवताओं के चिकित्सक भगवान धन्वंतरि का जन्म इसी दिन हुआ था। इसलिए धनतेरस मनाया जाता है। इसको दीपावली की शुरुआत के रूप में भी देखा जाता है।

गोपाल तिवारी, मुजफ्फरपुर। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। आयुर्वेद के जनक और देवताओं के चिकित्सक भगवान धन्वंतरि के जन्मदिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है।
स्वास्थ्य और आयु की कामना
मान्यता है कि इस दिन पूरे मनोयोग से पूजा करने से धन, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। धनतेरस के दिन स्वास्थ्य और आयु की कामना के लिए पूजा की जाती है। इससे व्यक्ति को स्वस्थ जीवन और लंबी आयु प्राप्त होती है।
पंडित प्रभात मिश्र
धन और समृद्धि की पूजा
पंडित प्रभात मिश्र कहते हैं कि धनतेरस दीपावली के पांच दिवसीय महापर्व की शुरुआत का प्रतीक है, जिसमें धन और समृद्धि की पूजा की जाती है। कुछ क्षेत्रों में धनतेरस के दिन यमराज की पूजा भी की जाती है। जिससे असमय मृत्यु का भय नहीं रहता और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
शनिवार को मनाई जाएगी
धनतेरस एवं धन्वंतरि जयंती इस वर्ष 18 अक्टूबर यानी शनिवार को मनाई जाएगी। वहीं 19 अक्टूबर 2025 यानी रविवार को नरक चतुर्दशी और हनुमान जयंती मनाई जाएगी । धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि, लक्ष्मी जी और कुबरे जी की पूजा की जाती है। इस दिन सोने चांदी सहित घरेलू उपयोग की चीजें खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।
नई चीजें खरीदने से सुख-समृद्धि आती
ऐसी मान्यता है कि इस दिन भुमि-भवन और वाहन सहित सभी नई चीजें खरीदने से घर में सुख-समृद्धि आती है। हिंदू पंचाग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 18 अक्टूबर 2025 शनिवार के दिन में 1:20 बजे से हो रही है। त्रयोदशी तिथि का समापन 19 अक्टूबर 2025 रविवार को दिन में 1 बजकर 54 मिनट पर होगा।
खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त
धनतेरस के दिन खरीदारी करना बहुत शुभ होता है। इस बार धनतेरस पर खरीदारी करने का शुभ समय 18 अक्टूबर शनिवार को दिन में 1:20 से लेकर 19 अक्टूबर रविवार के दिन में 1 बजकर 54 मिनट से पहले तक है। इस दिन पूजा करने का शुभ समय 18 अक्टूबर शनिवार को दिन में 1 :20 से 19 अक्टूबर रविवार को दिन में 1 बजकर 54 मिनट के पूर्व तक है। वैसे इस दिन आप कभी भी पूजा पाठ कर सकते हैं।
धनतेरस 2025 की तिथि और मुहूर्त
- धनतेरस की तिथि: 18 अक्टूबर 2025, शनिवार
- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 18 अक्टूबर 2025, दोपहर 1:20 बजे
- त्रयोदशी तिथि समाप्त: 19 अक्टूबर 2025, दोपहर 1:54 बजे
- पूजा मुहूर्त: शाम 7:16 बजे से रात 8:20 बजे तक
- प्रदोष काल: शाम 5:48 बजे से रात 8:18 बजे तक
धनतेरस पूजा विधि
- घर की पूर्ण सफाई और रंगोली बनाएं।
- कलश स्थापित कर मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की प्रतिमा रखें।
- भगवान धन्वंतरि की पूजा षोडशोपचार (16 विधियों) के साथ करें।
- दीप दान और लक्ष्मी पूजन करें।
- गरीबों को दान देना शुभ माना जाता है।
पीले रंग के मिष्ठान्न का भोग लगाएं
धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरी, मां लक्ष्मी और कुबरे जी की पूजा की जाती है। इस दिन शाम को शुभ मुहूर्त में पूजा करना चाहिए। घर में भगवान धन्वंतरि, कुबेरजी और लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद घी का दीपक जलाएं और पूजा शुरू करें। पुष्प, चंदन, अक्षत, माला कमल पुष्प अर्पित कर श्रीसूक्त, कनकधारा, अन्नपूर्णा स्तोत्र, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। भगवान कुबेर और लक्ष्मी जी को सफेद मिष्ठान्न का भोग लगाएं। भगवान धन्वंतरी को पीले रंग के मिष्ठान्न का भोग ही लगाएं।
धनतेरस का महत्व
धनतेरस का त्योहार धन, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। यह पर्व दीपावली के पांच दिवसीय महापर्व की शुरुआत का प्रतीक है।
धनतेरस के लाभ
- धन और समृद्धि की प्राप्ति
- स्वास्थ्य और आयु में वृद्धि
- घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास
- असमय मृत्यु का भय नहीं रहता
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।