Move to Jagran APP

दरभंगा इंजीनियर‍िंग कालेज इस बार भी बरसात में फिर डूबेगा

Darbhanga news करीब 39 करोड़ की लागत से बने कालेज के नए भवन में जाने के लिए नहीं बना संपर्क पथ। मधुबनी इंजीनियर‍िंग कालेज के विद्यार्थियों को भी दरभंगा इंजीनियर‍िंग कालेज में ही दी जा रही शिक्षा ।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 05:14 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 05:14 PM (IST)
2020 के बाढ़ में कुछ इस तरह से पानी में डूबा था इंजीनियर‍िंग कालेज (फाइल फोटो)

दरभंगा, जासं। दरभंगा इंजीनियर‍िंग कालेज का नव निर्मित भवन एक फिर एक बार बरसात के पानी में डूबेगा। 2020 साल पहले करीब 39 करोड़ की लागत से बने इस भवन में सभी तकनीकी सुविधाएं हैं। महिला छात्रावास, लैब, लिफ्ट, पुस्तकालय सहित सभी सुविधाओं से भवन सुसज्जित है। इन सबके बीच प्रत्येक वर्ष इंजीनियर‍िंग कालेज के पुराने व नए भवन तक बाढ़ व बरसात का पानी चढ़ जाता है। कालेज के मुख्य द्वार से नए भवन तक जाने के लिए अबतक संपर्क पथ का निर्माण नहीं कराया गया है। इस कारण दरभंगा सहित मधुबनी इंजीनियर‍िंग कालेज के सैकड़ों विद्यार्थियों को परेशानी उठानी पड़ती है। शिक्षक व कर्मचारियों को भी इसका सामना करना पड़ता है। बता दें कि दरभंगा इंजीनियर‍िंग कालेज भवन में ही मधुबनी इंजीनियर‍िंग कालेज के विद्यार्थियों की भी पढ़ाई चल रही है। दोनों कालेज संयुक्त चल रहा है। दरभंगा इंजीनियर‍िंग काले के लगभग एक हजार विद्यार्थी नवनिर्मित नए भवन और मधुबनी इंजीनियर‍िंग कालेज के लगभग सात सौ विद्यार्थी पुराने भवन में पठन-पाठन करते हैं।

loksabha election banner

वर्ष 2020 में बाढ़ की पानी से डूब गया था इंजीनियर‍िंग कालेज

वर्ष 2020 के अगस्त माह में आई बाढ़ के कारण दरभंगा इंजीनियर‍िंग कालेज के नवनिर्मित भवन सहित पुरानी बिङ्क्षल्डग पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूब गया था। पुराने भवन के क्लास रूम में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया था। वहीं नए भवन के एरिया क्षेत्र में भी कई दिनों तक पानी जमा रहा था। बता दें कि पांच साल में इंजीनियर‍िंग कालेज का नया भवन बनकर तैयार हुआ। लेकिन, कालेज भवन बनाने में कालेज के इंजीनियरों की इंजीनियर‍िंग काम नहीं आई। बाढ़ की पानी इंजीनियर‍िंग की पोल खोल कर रख देती है। बाढ़ के समय नए भवन एरिया में चार से पांच फीट तक बाढ़ का पीना जमा रहता है।

लो लैंड एरिया में बिना वाटर लेवल लिए ही भवन निर्माण

अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिरकार 39 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए नये भवन की ऐसी भयावह स्थिति कैसे बन गई है। इंजीनियङ्क्षरग विभाग पर सवाल उठाते हुए कालेज के छात्र-छात्राओं ने बताया कि भवन निर्माण और इंजीनियर‍िंग विभाग की ओर से नए भवन की जो रूपरेखा तैयार की गई वह, कहीं से भी ठीक नहीं है। लगातार बारिश और बाढ़ के कारण नए भवन के एरिया में पानी जमा हो जाता है। लो लैंड एरिया में बिना वाटर लेवल लिए ही भवन निर्माण कर दिया गया। इस कारण बारिश के समय भी जल-जमाव का नजारा देखा जा सकता है। इंजीनियर‍िंग कालेज के एक व्याख्याता ने बताया कि अभी तक नए भवन की ओर जाने के लिए सड़क का निर्माण नहीं करवाया जा रहा है। सड़क निर्माण नहीं होने के कारण बाढ़ व बारिश के समय नए भवन से संपर्क भंग हो जाता है।

--नए भवन तक जाने के लिए एप्रोच रोड निर्माण को लेकर सरकार को लिखा गया है। फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मिट्टी भराई कर जगह को ऊंचा किया गया है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद संपर्क पथ का निर्माण शुरू होगा। -विकास कुमार, प्रभारी प्राचार्य, दरभंगा एवं मधुबनी इंजीनियर‍िंग कालेज।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.